लम्बी आयु की परिकल्पना आज हम आपको नीम करोली बाबा जी द्वारा बताये गए लम्बी आयु के मंत्र के बारें में बताएँगे। ऐसा कोई भी मनुष्य नहीं जो चिरंजीवी नहीं बनना चाहता अर्थात ऐसा भी कोई नहीं जो एक पूर्ण आयु को प्राप्त नहीं करना चाहता। हम में से हर किसी की चाहत होती है कि हमें एक स्वस्थ जीवन और एक लंबी आयु प्राप्त हो पर हमारी दिनचर्या ऐसी है कि हम चाह कर भी एक स्वस्थ जीवन को नहीं पा पते है और जब शरीर ही स्वस्थ नहीं है तो लंबी आयु की कल्पना भी नहीं की जा सकती। आज भी दुनिया के कई देश ऐसे हैं जहां 100 से अधिक वर्ष की आयु के व्यक्ति आज भी पूर्णतया स्वस्थ जीवन व्यतीत कर रहे है। इसका कारण केवल उनकी स्वस्थ जीवन शैली है। स्वस्थ जीवन शैली स्वस्थ जीवन शैली क्या होती है इसके बारे में हम सभी को विचार करना चाहिए क्योंकि अगर हमारे अतिरिक्त कोई दूसरा प्राणी है जो एक स्वस्थ जीवन को जीकर एक लंबी आयु को प्राप्त कर सकता है तो हम क्यों नहीं प्राप्त कर सकते ? स्वस्थ जीवन का मतलब होता है कि अपने आचार-विचार,अपने व्यवहार, अपने भोजन में सैयमित रहना अर्थात अपने शरीर को केवल उतना ही खाद्य साम...
हनुमानजी का अद्भुत बल यह पुरानी घटना त्रेता युग की है जब भगवान श्री राम और असुर राज रावण के बीच भयंकर युद्ध चल रहा था। श्रीराम का पराक्रम देखने के बाद रावण को जब यह महसूस हुआ कि वह श्रीराम से जीत ना सकेगा तब उसने मायावी अमर राक्षसों के एक दल को बुलाया जिनकी संख्या लगभग 1000 रही होगी। रावण ने उस राक्षस दल को आदेश दिया कि तुम सब जाओ और राम की सेना से युद्ध करो और उन्हें परास्त करो। रावण द्वारा अमर राक्षसों को भेजने की बात जब विभीषण को ज्ञात हुई तो विभीषण जी ने रावण की मायावी सेना और उसके राक्षसों की जानकारी भगवान श्रीराम तक पहुंचाई। भगवान श्री राम के साथ ही साथ वानर राज सुग्रीव और समस्त वानर सेना को अमर राक्षसों के बारे में पता चला और वे सब चिंतित हो उठे क्योंकि इन अमर राक्षसों से कब तक युद्ध करना उन सबके लिए संभव होगा क्योंकि ये तो कभी मरेंगे ही नहीं और जब मरेंगे नहीं तो इन को हराना असंभव होगा। समस्त वानर सेना के हृदय में केवल एक ही बात चल रही थी कि हम लंबे समय तक युद्ध करने के पश्चात भी जीत नहीं पाएंगे। जब पवन पुत्र हनुमान ने भगवान श्रीराम को चिंतित देखा तो हनुमा...