Skip to main content

Posts

Showing posts from November, 2019

Most Popular Post

नीम करोली बाबा ने बताया लंबी आयु पाने का मंत्र

लम्बी आयु की परिकल्पना आज हम आपको नीम करोली बाबा जी द्वारा बताये गए लम्बी आयु के मंत्र के बारें में बताएँगे। ऐसा कोई भी मनुष्य नहीं जो चिरंजीवी नहीं बनना चाहता अर्थात ऐसा भी कोई नहीं जो एक पूर्ण आयु को प्राप्त नहीं करना चाहता। हम में से हर किसी की चाहत होती है कि हमें एक स्वस्थ जीवन और एक लंबी आयु प्राप्त हो पर हमारी दिनचर्या ऐसी है कि हम चाह कर भी एक स्वस्थ जीवन को नहीं पा पते है और जब शरीर ही स्वस्थ नहीं है तो लंबी आयु की कल्पना भी नहीं की जा सकती। आज भी दुनिया के कई देश ऐसे हैं जहां 100 से अधिक वर्ष की आयु के व्यक्ति आज भी पूर्णतया स्वस्थ जीवन व्यतीत कर रहे है। इसका कारण केवल उनकी स्वस्थ जीवन शैली है।   स्वस्थ जीवन शैली स्वस्थ जीवन शैली क्या होती है इसके बारे में हम सभी को विचार करना चाहिए क्योंकि अगर हमारे अतिरिक्त कोई दूसरा प्राणी है जो एक स्वस्थ जीवन को जीकर एक लंबी आयु को प्राप्त कर सकता है तो हम क्यों नहीं प्राप्त कर सकते ?  स्वस्थ जीवन का मतलब होता है कि अपने आचार-विचार,अपने व्यवहार, अपने भोजन में सैयमित रहना अर्थात अपने शरीर को केवल उतना ही खाद्य साम...

दवा पिला दे - श्री कैंची धाम | Dawa pila de - Shri Kainchi Dham

                    दवा पिला दे - श्री कैंची धाम | Dawa pila de - Shri Kainchi Dham अल्मोड़ा में एक दिन दिवाकर पंत बहुत बुरी तरह बीमार हो गये। आधी रात होते-होते उनकी हालत बहुत नाजुक हो गयी। पहाड़ में इतनी रात किसी डॉक्टर को बुलाना भी संभव नहीं था। सब सुबह होने का इंतजार कर रहे थे। उनकी हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी। उनकी पत्नी रोते-रोते बदहवास होकर गिर पड़ीं। सभी चिंतित हो उठे। तभी उन्होंने महसूस किया जैसे महाराज जी उनका कंधा पकड़कर हिला रहे हैं और एक दवा की तरफ इशारा करते हुए कह रहे हैं कि, "वो दवा पिला दे ठीक हो जाएगा।" उन्हें यह सोचने का भी होश नहीं था कि, अचानक बाबाजी कब आ गये ? कमरे में उनके अलावा किसी और ने बाबाजी को देखा भी नहीं। वे उठीं और बाबाजी ने जिस दवा की तरफ इशारा किया था वह दवा पिला दी । दवा देते ही दिवाकर पंत के व्यवहार में अजीब सा बदलाव आ गया। वे हिंसक हो गये और अनाप-शनाप बकने लगे। ऐसे लग रहा था जैसे उनके दिमाग का संतुलन बिगड़ गया है। सब उनकी पत्नी के व्यवहार को कोस रहे थे कि बिना जाने समझे उसने कौन सी दवा दे...

मेरे वैध नीम करोली बाबा- श्री कैंची धाम | Mere vaidya neem karoli baba - Shri Kainchi Dham

मेरे वैध नीम करोली बाबा- श्री कैंची धाम | Mere vaidya neem karoli baba - Shri Kainchi Dham   पूरन-दा की पत्नी को लक़वे का अटैक आ गया । ठोड़ी टेडी हो गयी । बायीं आँख खुली की खूली रह गयी । चेहरा विकृत हो चला , होंठ एक ओर भिंच गये । मैं घबरा गया कि क्या करूँ , आर्थिक स्थिति भी सही नहीं थी । महाराज को स्मरण करने के सिवा मेरे पास कोई चारा नहीं था । दशा ख़राब होती गयी। आंख की पूतली में सफ़ेदी आ गयी । डाक्टरों ने कह दिया कि लाईलाज बिमारी है । रात को निराश लेटे हम महाराजजी का स्मरण कर रहे थे । न जाने कब हम गहरी नींद में चले गए।     पर चार बजे सुबह पत्नी बोल उठी ," अरे महाराजजी के नहाने के लिये गरम पानी करना है ।" ( हम दोनों रात भर स्वप्न में बाबा के साथ थे ) आवाज़ सुनकर जागे तो देखा कि प्रभु तो कहीं नहीं है । पर देखा कि पत्नी कि आँख झपकनी शुरू हो गयी ।ठोड़ी धीरे धीरे अपने स्थान पर आ गई । अब एक ही चीज़ रह गयी पूतली में सफ़ेदी तथा होटो का टेढापन । डाक्टर को विश्वास नहीं हूआ । मैं बोला -" ये तो बस उनकी कृपा का फल है ।" मैंने पुतली की सफ़ेदी हेतू दवाई माँगी तो उसने कह...

Neem Karoli Baba Aur Bhakt Ki Pukar - Shri Kainchi Dham

Neem Karoli Baba Aur Bhakt Ki Pukar - Shri Kainchi Dham महाराज जी   हम आपकी शरण हैं हमारी रक्षा करें- श्री ओंकार सिंह जी एस. एस.पी और श्री किशनचन्द्र कानपुर के कलेक्टर थे। कानपुर में गंगा जी में भीषण बाढ़ आई हुई थी ।  दोनों अफ़सर अपने मातहतो के साथ नाव में बैठकर मुआइना करने निकल पड़े तभी बीच धार में जा कर पता चला कि नाव में छेद हो गया और उसमे पानी भरना शुरू हो गया । सब घबरा गये । मृत्यु निश्चित रूप से सामने आ गयी थी । तभी ओंकार सिंह जी पागलों की तरह चिल्ला उठे , " बचाओ महाराज जी ।"  तभी एक बहुत बड़ा तने वाला , जड़ वाला पेड़ उनके निकट आ गया । आनन फानन दोनों अफ़सर और बाक़ी कर्मचारी कूदकर पेड़ की शाखाओं को पकड़ते हुए पेड़ पर चढ़ गये । देखते देखते नाव पानी में डूब गयी । ऊँची लहरों से और तेज़ हवा से अब पेड़ कभी उन्नाव की तरफ़ जाये तो कभी कानपुर की तरफ । लेकिन बाबा की कृपा से तेज़ हवा और ऊँची लहरों से भी पेड़ न डगमगाया न करवट ली और न ही उलटा ।  ओंकार सिंह जी बराबर बाबा को याद करते रहे । बाबा की कृपा से कुछ ही देर में पेड़ कानपुर के किनारे...