लम्बी आयु की परिकल्पना आज हम आपको नीम करोली बाबा जी द्वारा बताये गए लम्बी आयु के मंत्र के बारें में बताएँगे। ऐसा कोई भी मनुष्य नहीं जो चिरंजीवी नहीं बनना चाहता अर्थात ऐसा भी कोई नहीं जो एक पूर्ण आयु को प्राप्त नहीं करना चाहता। हम में से हर किसी की चाहत होती है कि हमें एक स्वस्थ जीवन और एक लंबी आयु प्राप्त हो पर हमारी दिनचर्या ऐसी है कि हम चाह कर भी एक स्वस्थ जीवन को नहीं पा पते है और जब शरीर ही स्वस्थ नहीं है तो लंबी आयु की कल्पना भी नहीं की जा सकती। आज भी दुनिया के कई देश ऐसे हैं जहां 100 से अधिक वर्ष की आयु के व्यक्ति आज भी पूर्णतया स्वस्थ जीवन व्यतीत कर रहे है। इसका कारण केवल उनकी स्वस्थ जीवन शैली है। स्वस्थ जीवन शैली स्वस्थ जीवन शैली क्या होती है इसके बारे में हम सभी को विचार करना चाहिए क्योंकि अगर हमारे अतिरिक्त कोई दूसरा प्राणी है जो एक स्वस्थ जीवन को जीकर एक लंबी आयु को प्राप्त कर सकता है तो हम क्यों नहीं प्राप्त कर सकते ? स्वस्थ जीवन का मतलब होता है कि अपने आचार-विचार,अपने व्यवहार, अपने भोजन में सैयमित रहना अर्थात अपने शरीर को केवल उतना ही खाद्य साम...
प्राचीन हिंदू महाकाव्य, रामायण में, सुंदरकांड एक विशेष स्थान रखता है क्योंकि यह भगवान हनुमान की वीरतापूर्ण यात्रा का वर्णन करता है। हिंदू पौराणिक कथाओं में सबसे प्रिय और श्रद्धेय पात्रों में से एक के रूप में, हनुमान की कहानी बहादुरी, भक्ति और निस्वार्थता से भरी है। सुंदरकांड: भगवान हनुमान की महाकाव्य कथा पर एक अंतर्दृष्टि सुंदरकांड में, भगवान हनुमान भगवान राम की प्रिय पत्नी सीता को खोजने के लिए एक मिशन पर निकलते हैं, जिनका शक्तिशाली राक्षस राजा रावण ने अपहरण कर लिया है। अपने समृद्ध प्रतीकवाद और नैतिक पाठों के साथ, सुंदरकांड पाठकों को मंत्रमुग्ध कर देता है और वफादारी, दृढ़ संकल्प और विश्वास की शक्ति के बारे में मूल्यवान अंतर्दृष्टि सिखाता है। रामायण का यह अध्याय हनुमान की असाधारण क्षमताओं को प्रदर्शित करता है, जैसे कि किसी भी रूप में परिवर्तित होने की उनकी क्षमता, उनकी अलौकिक शक्ति और भगवान राम के प्रति उनका अटूट समर्पण। इस लेख के माध्यम से, हम भगवान हनुमान की महाकाव्य कहानी में गहराई से उतरेंगे, सुंदरकांड के महत्व और आज की दुनिया में इसकी प्रासंगिकता की खोज करेंगे। इस अद्भु...