लम्बी आयु की परिकल्पना आज हम आपको नीम करोली बाबा जी द्वारा बताये गए लम्बी आयु के मंत्र के बारें में बताएँगे। ऐसा कोई भी मनुष्य नहीं जो चिरंजीवी नहीं बनना चाहता अर्थात ऐसा भी कोई नहीं जो एक पूर्ण आयु को प्राप्त नहीं करना चाहता। हम में से हर किसी की चाहत होती है कि हमें एक स्वस्थ जीवन और एक लंबी आयु प्राप्त हो पर हमारी दिनचर्या ऐसी है कि हम चाह कर भी एक स्वस्थ जीवन को नहीं पा पते है और जब शरीर ही स्वस्थ नहीं है तो लंबी आयु की कल्पना भी नहीं की जा सकती। आज भी दुनिया के कई देश ऐसे हैं जहां 100 से अधिक वर्ष की आयु के व्यक्ति आज भी पूर्णतया स्वस्थ जीवन व्यतीत कर रहे है। इसका कारण केवल उनकी स्वस्थ जीवन शैली है। स्वस्थ जीवन शैली स्वस्थ जीवन शैली क्या होती है इसके बारे में हम सभी को विचार करना चाहिए क्योंकि अगर हमारे अतिरिक्त कोई दूसरा प्राणी है जो एक स्वस्थ जीवन को जीकर एक लंबी आयु को प्राप्त कर सकता है तो हम क्यों नहीं प्राप्त कर सकते ? स्वस्थ जीवन का मतलब होता है कि अपने आचार-विचार,अपने व्यवहार, अपने भोजन में सैयमित रहना अर्थात अपने शरीर को केवल उतना ही खाद्य साम...
गंगाजी में दूध बहता है - श्री कैंची धाम | Milk flows in Ganga - Shri Kainchi Dham
जय श्री कैंची धाम
प्रिय भक्तों आज हम आपको सन 1960 की एक सत्य घटना सुनाने जा रहे हैं जो की परम पूज्य श्री नीम करौली बाबा( श्री नीब करोरी बाबा जी) के जीवन से जुड़ी हुई है और बाबा के द्वारा किए गए अनेको चमत्कारों में से एक चमत्कार के संबंध में है। माघ मेला चल रहा था और महाराज जी के दर्शनों को लगातार भक्तों का ताता लगा हुआ था। महाराज जी के दर्शनों से जैसे सभी की मनोकामनाएं रही थी।
उसी दौरान महाराज जी ने अपने भक्तों को बताते बताया की गंगा जी में जल नहीं दूध बहता रहता है। महाराज जी के ये अनोखे एवं अद्भुत वाक्य को सुन के सभी भक्त बड़े अचंभित हुवे। सभी भक्त आपस में वार्ता करने लगे की गंगा जी में तो जल प्रवाहित होता है पर महाराज श्री का कहना है कि गंगा में दूध प्रवाहित होता है। इस बात से सभी अचंभित थे।
एक दिन जब महाराज जी कुछ अन्य भक्तों के साथ गंगा जी में नौका विहार कर रहे थे तब कुछ भक्तों ने सोचा कि क्यों ना महाराज जी की बात का परीक्षण किया जाए हालांकि उन्होंने महाराज जी से कुछ नहीं कहा लेकिन नीम करोली बाबा तो अन्तर्यामी थे। उन्हें कुछ बताने की आवश्यकता ही कहा थी। बाबा जी तो बिन बोले ही सबके ह्रदय की गति को जानते थे।तब परम पूज्य महाराज जी ने खुद उनसे कहा कि एक लोटा गंगा जल भर कर उसे ढक कर रख दो।
महाराज जी के आदेश अनुसार उन भक्तों ने उस नौका में बैठे-बैठे एक लोटा जल भर लिया और उसे ढक कर रख दिया। उस ढके हुवे जल को जब गिलास में डाला गया तो वो गंगा जल शुद्ध दूध बन चुका था। इस आलोकिक चमत्कार और बाबा जी की दिव्यता को देखकर एक भक्त के मन में ये विचार आया की कोना मैं भी थोड़ा सा दूध गंगा जी से भर लू और बाद में मेले में आये हुवे अन्य भक्तो को ये चमत्कार दिखाऊंगा लेकिन महाराज जी ने गुस्से में आकर उसके हाथ से दूध का गिलास छीन लिया और गंगा जी में प्रवाहित कर दिया।
जय गुरुदेव
जय श्री कैंची धाम की
जय हो नीम करोली बाबा की
जय हो जय हो जय हो
जय श्री कैंची धाम
प्रिय भक्तों आज हम आपको सन 1960 की एक सत्य घटना सुनाने जा रहे हैं जो की परम पूज्य श्री नीम करौली बाबा( श्री नीब करोरी बाबा जी) के जीवन से जुड़ी हुई है और बाबा के द्वारा किए गए अनेको चमत्कारों में से एक चमत्कार के संबंध में है। माघ मेला चल रहा था और महाराज जी के दर्शनों को लगातार भक्तों का ताता लगा हुआ था। महाराज जी के दर्शनों से जैसे सभी की मनोकामनाएं रही थी।
उसी दौरान महाराज जी ने अपने भक्तों को बताते बताया की गंगा जी में जल नहीं दूध बहता रहता है। महाराज जी के ये अनोखे एवं अद्भुत वाक्य को सुन के सभी भक्त बड़े अचंभित हुवे। सभी भक्त आपस में वार्ता करने लगे की गंगा जी में तो जल प्रवाहित होता है पर महाराज श्री का कहना है कि गंगा में दूध प्रवाहित होता है। इस बात से सभी अचंभित थे।
एक दिन जब महाराज जी कुछ अन्य भक्तों के साथ गंगा जी में नौका विहार कर रहे थे तब कुछ भक्तों ने सोचा कि क्यों ना महाराज जी की बात का परीक्षण किया जाए हालांकि उन्होंने महाराज जी से कुछ नहीं कहा लेकिन नीम करोली बाबा तो अन्तर्यामी थे। उन्हें कुछ बताने की आवश्यकता ही कहा थी। बाबा जी तो बिन बोले ही सबके ह्रदय की गति को जानते थे।तब परम पूज्य महाराज जी ने खुद उनसे कहा कि एक लोटा गंगा जल भर कर उसे ढक कर रख दो।
महाराज जी के आदेश अनुसार उन भक्तों ने उस नौका में बैठे-बैठे एक लोटा जल भर लिया और उसे ढक कर रख दिया। उस ढके हुवे जल को जब गिलास में डाला गया तो वो गंगा जल शुद्ध दूध बन चुका था। इस आलोकिक चमत्कार और बाबा जी की दिव्यता को देखकर एक भक्त के मन में ये विचार आया की कोना मैं भी थोड़ा सा दूध गंगा जी से भर लू और बाद में मेले में आये हुवे अन्य भक्तो को ये चमत्कार दिखाऊंगा लेकिन महाराज जी ने गुस्से में आकर उसके हाथ से दूध का गिलास छीन लिया और गंगा जी में प्रवाहित कर दिया।
जय गुरुदेव
जय श्री कैंची धाम की
जय हो नीम करोली बाबा की
जय हो जय हो जय हो
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