लम्बी आयु की परिकल्पना आज हम आपको नीम करोली बाबा जी द्वारा बताये गए लम्बी आयु के मंत्र के बारें में बताएँगे। ऐसा कोई भी मनुष्य नहीं जो चिरंजीवी नहीं बनना चाहता अर्थात ऐसा भी कोई नहीं जो एक पूर्ण आयु को प्राप्त नहीं करना चाहता। हम में से हर किसी की चाहत होती है कि हमें एक स्वस्थ जीवन और एक लंबी आयु प्राप्त हो पर हमारी दिनचर्या ऐसी है कि हम चाह कर भी एक स्वस्थ जीवन को नहीं पा पते है और जब शरीर ही स्वस्थ नहीं है तो लंबी आयु की कल्पना भी नहीं की जा सकती। आज भी दुनिया के कई देश ऐसे हैं जहां 100 से अधिक वर्ष की आयु के व्यक्ति आज भी पूर्णतया स्वस्थ जीवन व्यतीत कर रहे है। इसका कारण केवल उनकी स्वस्थ जीवन शैली है। स्वस्थ जीवन शैली स्वस्थ जीवन शैली क्या होती है इसके बारे में हम सभी को विचार करना चाहिए क्योंकि अगर हमारे अतिरिक्त कोई दूसरा प्राणी है जो एक स्वस्थ जीवन को जीकर एक लंबी आयु को प्राप्त कर सकता है तो हम क्यों नहीं प्राप्त कर सकते ? स्वस्थ जीवन का मतलब होता है कि अपने आचार-विचार,अपने व्यवहार, अपने भोजन में सैयमित रहना अर्थात अपने शरीर को केवल उतना ही खाद्य साम...
नवरात्रि नवमी माता सिद्धिदात्री Navratri 2021 9th Day: Mata Siddhidatri
नवरात्रि के नवें दिन अर्थात नवमी तिथि के दिन माता सिद्धिदात्री की पूजा के विशेष महत्व है। यह देवी सर्व सिद्धियां प्रदान करने वाली है। माता सिद्धिदात्री के दाहिनी तरफ नीचे वाले हाथ में चक्र ऊपर वाले हाथ में गदा तथा बायी तरफ के नीचे वाले हाथ में शंख और ऊपर वाले हाथ में कमल का पुष्प है। इनका वाहन सिंह है और यह कमल पुष्प पर भी आसीन होती है। विधि-विधान से नौवे दिन इस देवी की उपासना करने से सिद्धियां प्राप्त होती है।
Mata Siddhidatri Mantra ॥स्तुति मंत्र॥
सिद्धगंधर्वयक्षाद्यैः, असुरैरमरैरपि । सेव्यमाना सदा भूयात्, सिद्धिदा सिद्धिदायिनी ॥
(सिद्ध, गंधर्व, यक्ष, असुर और अमरता प्राप्त देवों के द्वारा भी पूजित और सिद्धियों को प्रदान करने की शक्ति से युक्त मां सिद्धिदात्री हमें भी सिद्धियां प्रदान करें)
भोग : उपवास के बाद माता को तिल का भोग लगाना चाहिए, ऐसा करने से मृत्यु के भय से राहत मिलती है और अनहोनी घटनाओं से बचाव होता है।
इस दिन देवी को शहद भी अर्पित करना चाहिए और धन का लावा अर्पित करके ब्राह्मणों को दान दे देना चाहिए।
Mata Siddhidatri Swaroop Mahatva
पुराणों के अनुसार भगवान शिव का अर्धनारीश्वर स्वरूप माता सिद्धिदात्री की ही देन है । माता सिद्धिदात्री के अंदर सभी देवीय समाहित है अतः इनकी पूजा से अपार वैभव की प्राप्ति होती है।
नवमी के दिन माता को 9 कमल के फूल या लाल सुगंधित पुष्प अर्पित करना चाहिए।
Maa Siddhidatri Smaran Mantra
जय सिद्धिदात्री मां, तू सिद्धि की दाता।
तू भक्तों की रक्षक, तू दासों की माता।
तेरा नाम लेते ही मिलती है सिद्धि।
तेरे नाम से मन की होती है शुद्धि।
कठिन काम सिद्ध करती हो तुम।
जभी हाथ सेवक के सिर धरती हो तुम।
तेरी पूजा में तो ना कोई विधि है।
तू जगदम्बे दाती तू सर्व सिद्धि है।
रविवार को तेरा सुमिरन करे जो।
तेरी मूर्ति को ही मन में धरे जो।
तू सब काज उसके करती है पूरे।
कभी काम उसके रहे ना अधूरे।
तुम्हारी दया और तुम्हारी यह माया।
रखे जिसके सिर पर मैया अपनी छाया।
सर्व सिद्धि दाती वह है भाग्यशाली।
जो है तेरे दर का ही अम्बे सवाली।
हिमाचल है पर्वत जहां वास तेरा।
महा नंदा मंदिर में है वास तेरा।
मुझे आसरा है तुम्हारा ही माता।
भक्ति है सवाली तू जिसकी दाता।
जय माता की
जय श्री नीम करोली बाबा जी की
जय श्री कैंची धाम की
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