लम्बी आयु की परिकल्पना आज हम आपको नीम करोली बाबा जी द्वारा बताये गए लम्बी आयु के मंत्र के बारें में बताएँगे। ऐसा कोई भी मनुष्य नहीं जो चिरंजीवी नहीं बनना चाहता अर्थात ऐसा भी कोई नहीं जो एक पूर्ण आयु को प्राप्त नहीं करना चाहता। हम में से हर किसी की चाहत होती है कि हमें एक स्वस्थ जीवन और एक लंबी आयु प्राप्त हो पर हमारी दिनचर्या ऐसी है कि हम चाह कर भी एक स्वस्थ जीवन को नहीं पा पते है और जब शरीर ही स्वस्थ नहीं है तो लंबी आयु की कल्पना भी नहीं की जा सकती। आज भी दुनिया के कई देश ऐसे हैं जहां 100 से अधिक वर्ष की आयु के व्यक्ति आज भी पूर्णतया स्वस्थ जीवन व्यतीत कर रहे है। इसका कारण केवल उनकी स्वस्थ जीवन शैली है। स्वस्थ जीवन शैली स्वस्थ जीवन शैली क्या होती है इसके बारे में हम सभी को विचार करना चाहिए क्योंकि अगर हमारे अतिरिक्त कोई दूसरा प्राणी है जो एक स्वस्थ जीवन को जीकर एक लंबी आयु को प्राप्त कर सकता है तो हम क्यों नहीं प्राप्त कर सकते ? स्वस्थ जीवन का मतलब होता है कि अपने आचार-विचार,अपने व्यवहार, अपने भोजन में सैयमित रहना अर्थात अपने शरीर को केवल उतना ही खाद्य साम...
Neem Karoli Baba | नीम करोली बाबा
नीम करोली बाबा अपने समय के विश्व विख्यात संतो में से एक थे। जिनके श्री विग्रह के दर्शन कर करोड़ों भक्तो ने अपने जीवन को कृतार्थ किया।
बाबा ने उत्तराखंड के श्री कैंची धाम को अपनी कर्म भूमि बना वह पर निवास किया और करोड़ों भक्तो को भक्ति का सही मार्ग दिखाते हुवे उनका उद्धार किया।
Neem Karli Baba Miracles : Lota
सन् 1957 में हल्द्वानी देवी ऑयल मिल्स में सदगुरुदेव हनुमान स्वरूप पूज्य बाबा श्री नीब करौरि महाराज का दरबार लगा हुआ था।भीड़ के पीछे एक कृषकाय दरिद्र वृद्ध बैठा हुआ था।जीवन में नाम बहुत सुना परन्तु पूज्य बाबा का दर्शन प्रथम बार पा रहा था।
अचानक पूज्य बाबा ने गर्जना करते हुए कहा कि "इस वृद्ध को यहां मेरे पास ले आओ।" उसे पूज्य बाबा के पास लाया गया।तब बाबा जी बोले "कुछ खाने को नहीं तेरे पास" उस दरिद्र वृद्ध ने गर्दन हिला दी।फिर पूज्य बाबा बोले "तू हमेशा एक लोटा अपने पास छिपाकर रखता है, ला उसे हमें दे।"
दरिद्र वृद्ध को आश्चर्य हुआ कि बाबा उस लौटे के बारे में कैसे जानते है?उसने झिझकते हुए लोटा निकालकर पूज्य बाबा जी को दिया।
पूज्य बाबा ने उस लौटे को अपनी हथेली से उसका मुंह ढकते हुए ले लिया और फिर वैसे ही उस दरिद्र को लौटा दिया।फिर कहा कि "इसे ऐसे ही ले जा।दिखाना मत किसी को। अपने घर जाकर देखना" और फिर उस वृद्ध के कान में भी कुछ कहा।वह वहां से चला गया।
तीन दिन बाद वह दरिद्र वृद्ध पूज्य बाबा को ढूंढते हुए आ पहुंचा और भक्तो कि भीड़ के बीच पूज्य बाबा के श्री चरणों में लोट गया और कहा कि "अरे बाबा तू तो भगवान है।तेरे चरणों में लक्ष्मी लोटती है।" पूज्य बाबा मुस्कुराने लगे और जोर से डांटते हुए कहा कि "अब जा और चुप रह" वह दरिद्र वृद्ध चला गया।
कुछ दिन बाद उसने पूज्य बाबा जी के भक्त श्री पूरन चंद जोशी को बताया कि पूज्य बाबा जी ने मेरे कान में कहा था कि तू अभाव से पीड़ित है तो रोज़ सुबह तेरा लोटा तुझे 10 रुपए का एक नोट देगा जी भर के खर्च करना।तब से रोज मुझे 10 रुपए का नोट सुबह ही इससे मिल जाता है।पूज्य बाबा जी ने मुझसे ठीक ही कहा कि "जब जरूरत हो लोटे से ले लेना"
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