लम्बी आयु की परिकल्पना आज हम आपको नीम करोली बाबा जी द्वारा बताये गए लम्बी आयु के मंत्र के बारें में बताएँगे। ऐसा कोई भी मनुष्य नहीं जो चिरंजीवी नहीं बनना चाहता अर्थात ऐसा भी कोई नहीं जो एक पूर्ण आयु को प्राप्त नहीं करना चाहता। हम में से हर किसी की चाहत होती है कि हमें एक स्वस्थ जीवन और एक लंबी आयु प्राप्त हो पर हमारी दिनचर्या ऐसी है कि हम चाह कर भी एक स्वस्थ जीवन को नहीं पा पते है और जब शरीर ही स्वस्थ नहीं है तो लंबी आयु की कल्पना भी नहीं की जा सकती। आज भी दुनिया के कई देश ऐसे हैं जहां 100 से अधिक वर्ष की आयु के व्यक्ति आज भी पूर्णतया स्वस्थ जीवन व्यतीत कर रहे है। इसका कारण केवल उनकी स्वस्थ जीवन शैली है। स्वस्थ जीवन शैली स्वस्थ जीवन शैली क्या होती है इसके बारे में हम सभी को विचार करना चाहिए क्योंकि अगर हमारे अतिरिक्त कोई दूसरा प्राणी है जो एक स्वस्थ जीवन को जीकर एक लंबी आयु को प्राप्त कर सकता है तो हम क्यों नहीं प्राप्त कर सकते ? स्वस्थ जीवन का मतलब होता है कि अपने आचार-विचार,अपने व्यवहार, अपने भोजन में सैयमित रहना अर्थात अपने शरीर को केवल उतना ही खाद्य साम...
नवरात्रि अष्टम दिवस: माता महागौरी
नवरात्रि के अष्टम दिवस पर माता महागौरी की उपासना की जाती है। माता महागौरी के इस दिव्य स्वरूप में उनके सभी वस्त्र और आभूषण सफेद है अतः इसीलिए माता को श्वेतांभरधरा भी कहा जाता है।
मां दुर्गा के अष्टम स्वरूप में माता महागौरी की पूजा करने से संतान संबंधी कष्टों से मुक्ति मिलती है। माता महागौरी की उपासना से भक्तो के सभी पाप नष्ट हो जाते है यहां तक की पूर्व संचित पाप भी नष्ट हो जाते है। अष्टमी के दिन महिलाएं अटल सुहाग की कामना से माता महागौरी को चुनरी भेट करती हैं।
Mata Mahagauri Ka Swaroop Varnan
माता महागौरी की चार भुजाएं हैं, इनके ऊपर का दाहिना हाथ अभय मुद्रा में है, और नीचे वाले दाहिने हाथ में त्रिशूल है। उपर वाले बायें हाथ में डमरू और नीचे का बायां हाथ वर मुद्रा में है। माता महागौरी का वाहन वृषभ (बैल) है।
अत्यन्त शांत रहने वाली माता महागौरी की उपासना से भक्तों के सभी पाप संताप और दुःख स्वयं नष्ट हो जाते हैं। माता की कठोर तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान शिव ने माता महागौरी के ऊपर गंगा जल डाला तभी से इनका रंग पूर्ण सफेद हो गया।
Mata Mahagauri Mantra
श्वेत वृषे समारूढ़ा श्वेताम्बरधरा शुचिः ।
महागौरी शुभं दद्यान्महादेवप्रमोददा॥
अर्थात्ः देवी महागौरी का रंग बहुत गोरा है। इनके वस्त्र और आभूषण आदि भी सफेद ही हैं। महागौरी का वाहन बैल है। दाहिने ऊपर वाले हाथ में अभय मुद्रा और नीचे वाले हाथ में त्रिशूल
है। बाएं हाथ में डमरू और वर मुद्रा है। इनका स्वभाव अति शांत है।
Note
- माता महागौरी को नारियल का भोग लगाया जाता है। माता निसंतान प्राणियों की मनोकामना पूर्ण करती है।
- माता पार्वती ने कटोर तपस्या कर भगवान शिव को पति रूप में पाया जिसके पश्चात माता का ये स्वरूप महागौरी कहलाया।
Mata Mahagauri Aarti
जय महागौरी जगत की माया |
जया उमा भवानी जय महामाया ॥
हरिद्वार कनखल के पासा |
महागौरी तेरा वहां निवासा ॥
चंद्रकली ओर ममता अम्बे |
जय शक्ति जय जय मां जगदंबे ||
भीमा देवी विमला माता |
कौशिकी देवी जग विख्याता ||
हिमाचल के घर गौरी रूप तेरा |
महाकाली दुर्गा है स्वरूप तेरा ||
सती सत हवन कुंड में था जलाया |
उसी धुएं ने रूप काली बनाया ||
बना धर्म सिंह जो सवारी में आया ।
तो शंकर ने त्रिशूल अपना दिखाया ||
तभी मां ने महागौरी नाम पाया ।
शरण आनेवाले का संकट मिटाया ||
शनिवार को तेरी पूजा जो करता |
मां बिगड़ा हुआ काम उसका सुधरता ||
भक्त बोलो तो सोच तुम क्या रहे हो ।
महागौरी मां तेरी हरदम ही जय हो ।
जय महागौरी जगत की माया |
जया उमा भवानी जय महामाया ||
Comments
Post a Comment
Please do not enter any spam link in a comment box.