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Showing posts from September, 2023

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वेद क्या है? वेदों के प्रकार और महत्व क्या है?

वेद, विश्व के सबसे पुराने लिखित धार्मिक दार्शनिक ग्रंथ हैं। वेद शब्द संस्कृत भाषा के 'विद' शब्द से बना है, जिसका मतलब है 'ज्ञान'। वेद, वैदिक साहित्य में सबसे महत्वपूर्ण हैं। 1500 और 500 ईसा पूर्व के बीच वैदिक संस्कृत में रचित, वेद हिंदू धर्म के सबसे पुराने ग्रंथ हैं।  वेद क्या है ? वेद चार हैं: ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद।  वेदों में देवता, ब्रह्मांड, ज्योतिष, गणित, औषधि, विज्ञान, भूगोल, धर्म, संगीत, रीति-रिवाज आदि जैसे कई विषयों का ज्ञान वर्णित है। वेद इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसे किसी मनुष्य द्वारा नहीं बल्कि ईश्वर द्वारा ऋषियों को सुने ज्ञान के आधार पर लिखा गया है. इसलिए भी वेद को 'श्रुति' कहा जाता है।  वेदों को चार प्रमुख ग्रंथों में विभाजित किया गया है और इसमें भजन, पौराणिक वृत्तांत, प्रार्थनाएं, कविताएं और सूत्र शामिल हैं। वेदों के समग्र भाग को मन्त्रसंहिता, ब्राह्मण, आरण्यक, उपनिषद के रूप में भी जाना जाता है। इनमें प्रयुक्त भाषा वैदिक संस्कृत कहलाती है जो लौकिक संस्कृत से कुछ अलग है। वेदों के संपूर्ण ज्ञान को महर्षि कृष्ण द्वैपाय

हनुमान जी के 1000 नाम in hindi | Hanuman Sahasranamam Stotram With Hindi Lyrics

भगवन शिव के रूद्र अवतार श्री हनुमान जी महाराज को समर्पित हनुमान सहस्त्रनाम आप सभी के सम्मुख उपलब्ध है जिसमे श्री हनुमान जी के 1000  नमो का वर्णन है।  Hanuman Sahasranamam Stotram With Hindi Lyrics शास्त्र इस बात का प्रमाण देते हैं कि "कलयुग केवल नाम अधारा सुमरि सुमरि नर उतरेहु पारा" अर्थात कलयुग में भगवान के नाम सिमरन का सर्वाधिक महत्व है। जो भी प्राणी भगवान के नाम को पकड़ लेता है वह इस भवसागर से पार हो जाता है। राम से बड़ा राम का नाम है परंतु शिव अवतार हनुमान जी महाराज की कृपा के बिना  श्री राम की कृपा को पाना असंभव है।    हनुमान जी के 1000 नाम in hindi ॐ  फलहस्ताय नमः । ॐ सर्वकर्मफलप्रदाय नमः । ॐ धर्माध्यक्षाय नमः । ॐ धर्मफलाय नमः । ॐ धर्माय नमः । ॐ धर्मप्रदाय नमः । ॐ अर्थदाय नमः । ॐ पञ्चविंशतितत्त्वज्ञाय नमः । ॐ तारकाय नमः । ॐ ब्रह्मतत्पराय नमः । ॐ त्रिमार्गवसतये नमः । ॐ भीमाय नमः । ॐ सर्वदुष्टनिबर्हणाय नमः । ॐ ऊर्जःस्वामिने नमः । ॐ जलस्वामिने नमः । ॐ शूलिने नमः । ॐ मालिने नमः । ॐ निशाकराय नमः । ॐ रक्ताम्बरधराय नमः । ॐ रक्ताय नमः ।  ॐ रक्तमाल्यविभूषणाय नमः । ॐ