Skip to main content

Posts

Showing posts from September, 2019

Most Popular Post

GRAHAN: सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण क्यों लगता है? | ग्रहण की पौराणिक कथा

चंद्र ग्रहण और सूर्य ग्रहण क्यों लगता है? आज के भौतिक युग में अनेकों कारण बताए गए हैं परंतु हम सनातन प्रेमियों को उस परम सत्य को जानना आवश्यक है जिसके कारण सूर्य ग्रहण और चंद्र ग्रहण की शुरुआत हुई।  बात उस समय की है जब समुद्र को मथ कर अमृत निकालने का प्रयास किया जा रहा था। समुद्र मंथन के कारण समुद्र में से अनेकों रत्न उत्पन्न हो रहे थे जिनमें से हलाहल विष भी निकला। हलाहल विष समस्त संसार को नष्ट करने के लिए आगे बढ़ रहा था कि तभी देवों के देव महादेव ने समस्त सृष्टि की रक्षा के लिए उस हलाहल विष को अपने कंठ में धारण कर नीलकंठ हो गए। समस्त देवताओं ने महादेव को प्रणाम कर सृष्टि की रक्षा के उत्तरदायित्व को निभाने के लिए उनका उपकार माना और पुनः समुद्र को मथने में लग गए। समस्त रत्नों के समुद्र से निकलने के पश्चात अंत में भगवान धन्वंतरी अमृत का कलश लेकर समुद्र से बाहर आए। अमृत कलश को प्राप्त करते ही समस्त देवता और दानव आपस में झगड़ने लगे।  भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप धारण कर दैत्यों को शांत कराया और देवताओं और दानवों दोनों को पंक्ति बघ करते हुए अमृत का बांटना शुरू किया। मोहिनी रूप धारी भगवान वि

Neem Karoli Baba ka Farman - Shri Kainchi Dham

नीम करोली बाबा गायब हो गए - श्री कैंची धाम

श्रद्धा और विश्वास - श्री कैंची धाम

नीम करोली बाबा का प्रसाद - श्री कैंची धाम

Multi Post