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Showing posts from June, 2021

Shraddha Ka Kendra hai Kainchi Dham

श्रद्धा का केंद्र है कैंची धाम तब और अब नैनीताल से 18 किमी दूर भवाली के रास्ते में कैंची धाम पड़ता है। बाबा नीम करोली ने इस स्थान पर 1964 में आश्रम बनाया था। इन्‍हीं बाबा नीब करौरी को हनुमान जी का धरती पर दूसरा रूप कहा जाता है। वैसे बाबा का असली नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा था। अपनी स्‍थापना के बाद से अब तक भव्य मंदिर का रूप ले चुके कैंची धाम में मां दुर्गा, वैष्णो देवी, हनुमान जी और राधा कृष्ण की मूर्तियां हैं। मंदिर में आज भी बाबा की निजी वस्तुएं, गद्दी, कंबल, छड़ी आज भी वैसे ही सुरक्षित हैं जैसी उनके जीवन में थीं। पर्यटकों के लिए आज वही मुख्य दर्शन का केंद्र हैं। इसीलिए आज भी Shraddha Ka Kendra hai Kainchi Dham अलौकिक शक्तियों के स्वामी माने जाते हैं  इस मंदिर के संस्‍थापक बाबा अलौकिक शक्तियों के स्वामी थे, पर वे आडंबरों से दूर रहते थे उनके माथे पर न त्रिपुण्ड लगा होता था न गले में जनेऊ और कंठमाला। उन्‍होंने देह पर साधुओं वाले वस्त्र भी कभी धारण नहीं किए। आश्रम आने वाले भक्त जब उनके पैर छूने लगते थे तो वे कहते थे पैर मंदिर में बैठे हनुमान बाबा के छुओ।  देश विदेश में हैं भक्‍त के