वेद, विश्व के सबसे पुराने लिखित धार्मिक दार्शनिक ग्रंथ हैं। वेद शब्द संस्कृत भाषा के 'विद' शब्द से बना है, जिसका मतलब है 'ज्ञान'। वेद, वैदिक साहित्य में सबसे महत्वपूर्ण हैं। 1500 और 500 ईसा पूर्व के बीच वैदिक संस्कृत में रचित, वेद हिंदू धर्म के सबसे पुराने ग्रंथ हैं। वेद क्या है ? वेद चार हैं: ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद। वेदों में देवता, ब्रह्मांड, ज्योतिष, गणित, औषधि, विज्ञान, भूगोल, धर्म, संगीत, रीति-रिवाज आदि जैसे कई विषयों का ज्ञान वर्णित है। वेद इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसे किसी मनुष्य द्वारा नहीं बल्कि ईश्वर द्वारा ऋषियों को सुने ज्ञान के आधार पर लिखा गया है. इसलिए भी वेद को 'श्रुति' कहा जाता है। वेदों को चार प्रमुख ग्रंथों में विभाजित किया गया है और इसमें भजन, पौराणिक वृत्तांत, प्रार्थनाएं, कविताएं और सूत्र शामिल हैं। वेदों के समग्र भाग को मन्त्रसंहिता, ब्राह्मण, आरण्यक, उपनिषद के रूप में भी जाना जाता है। इनमें प्रयुक्त भाषा वैदिक संस्कृत कहलाती है जो लौकिक संस्कृत से कुछ अलग है। वेदों के संपूर्ण ज्ञान को महर्षि कृष्ण द्वैपाय
प्रिय भक्तो आज की कहानी से आप जानेंगे की किस तरह स्टीव जॉब्स का भारत आगमन हुवा और उनको किस प्रकार नीम करोली बाबा की कृपा प्राप्त हुवी। स्टीव जॉब्स और नीम करोली बाबा 1974 में, स्टीव जॉब्स और उनके मित्र डैनियल कोट्टके ने हिंदू धर्म और भारतीय आध्यात्मिकता का अध्ययन करने के लिए भारत की यात्रा की। उन्होंने नीम करोली बाबा से मिलने की योजना बनाई, लेकिन पिछले सितंबर में बाबा समाधी ले चुके थे। जॉब्स भारत में अपने अनुभवों से, विशेषकर नीम करोली बाबा के आश्रम में अपने निवास से वे बहुत प्रभावित थे। श्री कैंची धाम आश्रम में अपने निवास के दौरान उनको बाबा की दिव्या शक्तियों से आध्यात्मिक प्रेरणा मिली जिसके पश्चात ही उनके मन में एप्पल को शुरू करने का विचार आया। जॉब्स ने प्रसिद्ध अमेरिकी मनोवैज्ञानिक राम दास की पुस्तक बी हियर नाउ पढ़ी, जो बाद में नीम करोली बाबा के शिष्य बन गए। पुस्तक में, राम दास ने बताया कि कैसे नीम करोली बाबा से उनकी मुलाकात ने उनके जीवन को बदल दिया। जॉब्स ने उत्तराखंड राज्य के नैनीताल में कैंची आश्रम का दौरा किया। यह बाबा नीम करोली का आश्रम है, जिन्हें भगवान हनुमान