Skip to main content

Posts

Showing posts from 2023

Most Popular Post

वेद क्या है? वेदों के प्रकार और महत्व क्या है?

वेद, विश्व के सबसे पुराने लिखित धार्मिक दार्शनिक ग्रंथ हैं। वेद शब्द संस्कृत भाषा के 'विद' शब्द से बना है, जिसका मतलब है 'ज्ञान'। वेद, वैदिक साहित्य में सबसे महत्वपूर्ण हैं। 1500 और 500 ईसा पूर्व के बीच वैदिक संस्कृत में रचित, वेद हिंदू धर्म के सबसे पुराने ग्रंथ हैं।  वेद क्या है ? वेद चार हैं: ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद।  वेदों में देवता, ब्रह्मांड, ज्योतिष, गणित, औषधि, विज्ञान, भूगोल, धर्म, संगीत, रीति-रिवाज आदि जैसे कई विषयों का ज्ञान वर्णित है। वेद इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसे किसी मनुष्य द्वारा नहीं बल्कि ईश्वर द्वारा ऋषियों को सुने ज्ञान के आधार पर लिखा गया है. इसलिए भी वेद को 'श्रुति' कहा जाता है।  वेदों को चार प्रमुख ग्रंथों में विभाजित किया गया है और इसमें भजन, पौराणिक वृत्तांत, प्रार्थनाएं, कविताएं और सूत्र शामिल हैं। वेदों के समग्र भाग को मन्त्रसंहिता, ब्राह्मण, आरण्यक, उपनिषद के रूप में भी जाना जाता है। इनमें प्रयुक्त भाषा वैदिक संस्कृत कहलाती है जो लौकिक संस्कृत से कुछ अलग है। वेदों के संपूर्ण ज्ञान को महर्षि कृष्ण द्वैपाय

लाहरी महाशय और श्री राम ठाकुर | Lahri Mahashay Aur shri Ram Thakur | Neem Karoli Baba

नीम करोली बाबा के समकालीन संत लाहरी महाशय और श्री राम ठाकुर की कथा एक बार लाहड़ी महासय के घर वाराणसी मे एक ब्राह्मण भक्त जो श्री लाहड़ी जी के भक्त थे जो लाहड़ी महासय पास में बैठे थे। वहां एक निम्न जाति का जल भरने का काम करने वाला व्यक्ति भी महाशय के पास आता था। जो आज महासय के सामने बैठ गया। ब्राह्मण जी को यह बात सही नही लगी और उन्होंने उसे डांटते हुए पीछे बैठने को कहा।  इस पर श्री लाहड़ी जी ने साधना से उठ कर अपना स्थान छोड़ कर ब्राह्मण जी को गुस्से से देखा। साथ ही उस निम्न जाति के व्यक्ति से कहा तुम हमारे स्थान पर बैठो। हम नीचे बैठ जायेंगे। व्यक्ति ने सोचा कि लाहड़ी जी नाराज हो गए और वे मजाक में हमे ऐसा करने को कह रहे है। वह क्षमा मांगने लगा। किन्तु लाहड़ी जी ने उसे कहा हम चाहते है कि तुम्हे उच्च स्थान मिले। ताकि आगे से तुम्हारा कोई अपमान न करे। जाओ बैठो। सभी को लाहड़ी जी की बात समझ में आगई। एक बार संत  श्री राम ठाकुर के आश्रम में सत्संग चल रहा था । बाहर एक मुस्लिम प्रसाद लिए खड़ा था। श्री राम ठाकुर के एक भक्त ने उससे पूछा यहां क्या कर रहे हो।अंदर चलो वह बोला वह मुस्लिम है

Hanuman Setu Temple, Lucknow

हनुमान सेतु मंदिर ,लखनऊ (उत्तर प्रदेश ) मित्रो आज हम आप सबको एक ऐसे प्राचीन मंदिर का दर्शन करवाएंगे जिसकी महत्वत्ता का कोई तोड़ आज के समय में किसी के पास नहीं है। यह सुप्रसिद्ध मंदिर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हनुमान सेतु के नाम से विख्यात है।  इस मंदिर को बाबा नीब करोरी आश्रम भी कहते है क्योकि इस आश्रम या मंदिर की नीव डालने वाले बाबा नीब करोरी थे इस लिए इस मंदिर को उन्ही के नाम से भी जाना जाता है। इस मंदिर या आश्रम का आधुनिक नाम हनुमान सेतु है। इस मंदिर में मुख्य रूप से श्री हनुमान जी ,श्री गणेश जी , और बाबा नीब करोरी की पूजा की जाती है। बाबा नीब करोरी सन 1967 में हनुमान जी के भक्तो को उपदेश दिया करते थे।  तब ही से लोगो द्वारा बाबा नीब करोरी को हनुमान जी का विशेष भक्त मन जाने लगा। एप्पल कंपनी के मालिक स्टीव जॉब्स और फेसबुक कंपनी के मालिक मार्क जुकरबर्ग को भी बाबा नीब करोरी से मार्ग दर्शन प्राप्त हुवा था। उसके बाद से ही वो दोनों अपने जीवन और व्यापर में कामयाब हो सके। इस बात का खुलासा खुद फेसबुक कंपनी के फाउंडर मार्क जुकेरबर्ग ने खुश दिनों पहले अपनी भारत यात्रा में कह

आदि शंकराचार्य का जीवन परिचय?

मठाधीश आदि शंकराचार्य आदि शंकराचार्य एक भारतीय दार्शनिक थे। 8वीं शताब्दी में रहने वाले आदि शंकराचार्य को हिंदू धर्म के विकास में सबसे प्रभावशाली शख्सियतों में से एक माना जाता है। उन्हें हिंदुत्व के सबसे महान प्रतिनिधियों में जाना जाता है। आदि शंकराचार्य का जन्म केरल के मालाबार क्षेत्र के कालड़ी नामक स्थान पर नम्बूद्री ब्राह्मण शिवगुरु और आर्याम्बा के घर हुआ था। विद्वानों के अनुसार, आदि शंकराचार्य भगवान शिव के अवतार थे। शास्त्रों में ऐसा भी वर्णन मिलता है कि कलियुग के प्रथम चरण में अपने चार शिष्यों के साथ जगद्गुरु ने धरती पर सनातन धर्म के उत्थान के लिए जन्म लिया था। आदि शंकराचार्य ने हिंदू विचार के प्राथमिक विद्यालयों में से एक, वेदांत दर्शन को व्यवस्थित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने अद्वैत वेदान्त को ठोस आधार प्रदान किया। भगवद्गीता, उपनिषदों और वेदांतसूत्रों पर लिखी हुई इनकी टीकाएँ बहुत प्रसिद्ध हैं। आदि शंकराचार्य ने प्राचीन भारतीय उपनिषदों के सिद्धान्तों को पुनर्जीवित करने का कार्य किया। उन्होंने ही इस ब्रह्म वाक्य को प्रचारित किया था कि 'ब्रह्म ही सत्य ह

स्टीव जॉब्स नीम करोली बाबा के पास क्यों गए?

प्रिय भक्तो आज की कहानी से आप जानेंगे की किस तरह  स्टीव जॉब्स का भारत आगमन हुवा और उनको किस प्रकार नीम करोली बाबा की कृपा प्राप्त हुवी।  स्टीव जॉब्स और नीम करोली बाबा  1974 में, स्टीव जॉब्स और उनके मित्र डैनियल कोट्टके ने हिंदू धर्म और भारतीय आध्यात्मिकता का अध्ययन करने के लिए भारत की यात्रा की। उन्होंने नीम करोली बाबा से मिलने की योजना बनाई, लेकिन पिछले सितंबर में बाबा समाधी ले चुके थे। जॉब्स भारत में अपने अनुभवों से, विशेषकर नीम करोली बाबा के आश्रम में अपने निवास से वे बहुत प्रभावित थे। श्री कैंची धाम आश्रम में अपने निवास के दौरान उनको बाबा की दिव्या शक्तियों से आध्यात्मिक प्रेरणा मिली जिसके पश्चात ही उनके मन में एप्पल को शुरू करने का विचार आया।  जॉब्स ने प्रसिद्ध अमेरिकी मनोवैज्ञानिक राम दास की पुस्तक बी हियर नाउ पढ़ी, जो बाद में नीम करोली बाबा के शिष्य बन गए। पुस्तक में, राम दास ने बताया कि कैसे नीम करोली बाबा से उनकी मुलाकात ने उनके जीवन को बदल दिया। जॉब्स ने उत्तराखंड राज्य के नैनीताल में कैंची आश्रम का दौरा किया। यह बाबा नीम करोली का आश्रम है, जिन्हें भगवान हनुमान

आध्यात्मिक आश्रय की खोज: नीम करोली बाबा का ताओस आश्रम

नीम करोली बाबा का ताओस आश्रम नीम करोली बाबा के ताओस आश्रम के शांत वातावरण में कदम रखें, जो न्यू मैक्सिको के केंद्र में स्थित एक आध्यात्मिक आश्रय स्थल है। यह मनमोहक अभयारण्य प्रसिद्ध भारतीय संत, नीम करोली बाबा का सार रखता है, जिन्होंने अपने गहन ज्ञान और बिना शर्त प्यार से अनगिनत साधकों के दिलों को मोहित कर लिया। जैसे ही आप आश्रम में प्रवेश करते हैं, हर कोने में एक शांत माहौल आपका स्वागत करता है, जो आपको आत्म-खोज और आध्यात्मिक जागृति की परिवर्तनकारी यात्रा पर जाने के लिए आमंत्रित करता है।  आश्रम का सुरम्य परिवेश, संग्रे डी क्रिस्टो पर्वत के मनमोहक दृश्यों के साथ, परमात्मा के साथ प्रतिबिंब और संबंध के क्षणों के लिए एकदम सही पृष्ठभूमि प्रदान करता है। चाहे आप एक अनुभवी आध्यात्मिक साधक हों या शांतिपूर्ण विश्राम के लिए उत्सुक हों, नीम करोली बाबा का ताओस आश्रम एक पवित्र स्थान प्रदान करता है जहां आप कालातीत शिक्षाओं में तल्लीन हो सकते हैं, आत्मीय ध्यान में संलग्न हो सकते हैं और समान विचारधारा वाले व्यक्तियों के समुदाय को गले लगा सकते हैं। हमारे साथ जुड़ें क्योंकि हम इस आध्यात्मिक आश्रय की आत्म-

Sunderkand As It Is With Hindi Lyrics | सुंदरकांड यथावत हिंदी

प्राचीन हिंदू महाकाव्य, रामायण में, सुंदरकांड एक विशेष स्थान रखता है क्योंकि यह भगवान हनुमान की वीरतापूर्ण यात्रा का वर्णन करता है। हिंदू पौराणिक कथाओं में सबसे प्रिय और श्रद्धेय पात्रों में से एक के रूप में, हनुमान की कहानी बहादुरी, भक्ति और निस्वार्थता से भरी है।  सुंदरकांड: भगवान हनुमान की महाकाव्य कथा पर एक अंतर्दृष्टि सुंदरकांड में, भगवान हनुमान भगवान राम की प्रिय पत्नी सीता को खोजने के लिए एक मिशन पर निकलते हैं, जिनका शक्तिशाली राक्षस राजा रावण ने अपहरण कर लिया है। अपने समृद्ध प्रतीकवाद और नैतिक पाठों के साथ, सुंदरकांड पाठकों को मंत्रमुग्ध कर देता है और वफादारी, दृढ़ संकल्प और विश्वास की शक्ति के बारे में मूल्यवान अंतर्दृष्टि सिखाता है।  रामायण का यह अध्याय हनुमान की असाधारण क्षमताओं को प्रदर्शित करता है, जैसे कि किसी भी रूप में परिवर्तित होने की उनकी क्षमता, उनकी अलौकिक शक्ति और भगवान राम के प्रति उनका अटूट समर्पण। इस लेख के माध्यम से, हम भगवान हनुमान की महाकाव्य कहानी में गहराई से उतरेंगे, सुंदरकांड के महत्व और आज की दुनिया में इसकी प्रासंगिकता की खोज करेंगे। इस अद्भुत यात्रा