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Showing posts from October, 2022

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नीम करोली बाबा ने बताया बीमारियों से मुक्ति पाने का मंत्र

Neem Karoli Baba Aur Rog Mukti Vaidik Mantra प्रिय भक्तों आज हम आप सभी को ऐसे मंत्र के बारे में बताएंगे जिसका उच्चारण करके आप सभी रोगों से मुक्ति पा सकते हैं। हम सभी के जीवन में अनेकों अनेक रोग कभी न कभी आ ही जाते हैं जिनकी वजह से हम सभी का जीवन हस्त व्यस्त हो जाता है। परम पूज्य श्री नीम करोली बाबा की कृपा से और हनुमान जी के आशीर्वाद से हम सभी को बाबा जी का सानिध्य प्राप्त हुआ और बाबा जी के सानिध्य में रहकर हम सभी ने राम नाम रूपी मंत्र को जाना जिसके उच्चारण मात्र से हम सभी को प्रभु श्री राम के साथ-साथ हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है। बाबा जी के दिशा निर्देशों के अनुसार हम सभी अपने जीवन की मोह माया से मुक्ति पा सकते हैं। यूं तो जब तक जीवन है तब तक माया से मुक्ति पाना संभव नहीं हो पता परंतु गृहस्थ जीवन में रहकर भी एक सन्यासी का जीवन जीना सहज हो सकता है यदि हम ईश्वर में अपने मन को रमाने का प्रयास करें और अपने कर्म पर ध्यान दे क्योंकि गीता में भी भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि कर्म ही प्रधान है। यदि हम बिना किसी लोभ के, बिना किसी आशा के, बिना ये सोचे कि यह पुण्य है या पाप केवल ...

10 बिंदुओं से समझे हनुमान जी को | हनुमान गाथा रहस्य

प्रिय भक्तों, आज हम आप सभी के समक्ष भक्त शिरोमणि श्री हनुमान जी महाराज के जीवन से जुड़े हुए कुछ ऐसे रहस्य से पर्दा उठाएंगे जिनके बारे में विस्तार से शास्त्रों में बताया गया है।  10 बिंदुओं में सम्पूर्ण हनुमान गाथा हनुमान जी महाराज भगवान शिव के 11 वें रुद्र अवतार होने के साथ ही साथ भक्तों की श्रेणी में परम पूज्य हैं और सर्वप्रथम उन्हीं का नाम लिया भी जाता है क्योंकि भक्ति की जो पराकाष्ठा शिव अवतार हनुमान ने प्रस्तुत की वैसा उदाहरण आज तक संसार में कोई प्रस्तुत न कर सका।  1. हनुमानजी का जन्म स्थान : हनुमान जी के जन्म स्थान के विषय में भक्तों में काफी मतभेद हैं और इन्ही मतभेदों के बीच में तीन स्थान मुख्य रूप से प्रकट होते हैं जिन स्थानों पर हनुमान जी के जन्म स्थान होने का दावा किया जाता है।   पहला स्थान हम्पी में है। ऐसा माना जाता है कि हम्पी में शबरी के गुरु मतंग ऋषि के आश्रम में हनुमान जी का जन्म हुआ था कुछ लोगों का मानना है कि हनुमान जी का जन्म हरियाणा के कैथल में हुआ था।  कैथल का ही पौराणिक नाम कपिस्थल था अर्थात यहां के राजा हनुमान जी के पिता महाराज क...