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Showing posts from April, 2023

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Bhandara: 15 June Aur Neem Karoli Baba

15 जून और कैंची धाम का भंडारा  15 जून १९६४ हम सभी के हृदय में धर्म स्थापना दिवस के रूप में सदैव के लिए यादगार बना हुआ है क्योंकि यह वही तारीख है जब परम पूज्य श्री नीम करोली बाबा जी ने श्री कैंची धाम में अपना आश्रय स्थल अपने आश्रम के रूप में बनाया था। आज उनके आश्रम को हम सभी भक्त अपना आश्रय स्थल मानते हैं और लाखों की संख्या से बढ़कर करोडो की संख्या में भक्त उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने की इच्छा से श्री कैंची धाम आते रहते है। बाबा किसी पहचान के मोहताज नहीं थे। नीम करोली बाबा के भक्त उनके आशीर्वाद से कभी दूर नहीं रहते अपितु हमेशा बाबा की कृपा अपने भक्तों पर बानी ही रहती है।  बाबा अपने भक्तो से एक बात सदैव कहते थे की "जब तुम मुझे बुलाओगे तब मैं तेरे पास ही रहूंगा" इस बात का भरोसा और विश्वास तुझे रखना होगा क्योंकि तेरा विश्वास और तेरा भरोसा जीतना अटल रहेगा उतनी ही शीघ्र  तुम तक पहुँचेगी। बाबा के भक्तो का विश्वास  बाबा का मानना था कि अगर शरण में जाना ही है हनुमान जी की शरण में जाओ क्योकि श्री राम के दर्शन उनकी इच्छा से होते हैं और श्री राम की कृपा भी उन्हीं की कृ...

क्या अंतर है पुजारी, उपासक और भक्त में और क्यों भक्त को सबसे ऊंचा माना गया है?

प्रिय भक्तो आज हम आप सभी को एक पुजारी उपासक और भक्त की परिभाषा अलग -अलग बताएँगे।  हम सभी से कभी न कभी ये प्रश्न कोई भी कर सकता है कि तीनो में क्या भेद होता है परन्तु अग्ज्ञान वश हम इन प्रश्नो का उत्तर देने में असमर्थ हो जाते है।  भगवन को किसकी पूजा प्रिय है ? सर्वप्रथम हम सभी को ये समझना चाहिए की पुजारी, उपासक और भक्त, इन तीनो के केंद्र बिंदु में केवल भगवान् ही रहते है। ये सभी लोग अपनी अपनी श्रद्धा और भक्ति के अनुरूप भगवान् को प्रसंन्न करने का प्रयास करते रहते है। अगर हम वेद और शास्त्रों की माने को भगवान् को किसी की पूजा नहीं चाहिए क्योकि भगवान्  अपने भक्तो की सच्ची भक्ति को ही प्रिय मानते है।  सृष्टिके प्रारम्भ में जब भ्रह्मा ने दुनिया को रचा तब एक प्रजापति भी बनाया गया और उस प्रजापति का नाम दक्ष पड़ा।  प्रजापति दक्ष ने मानव सभयता को ४ वर्णो में विभाजित कर दिया : ब्राह्मण,छत्रिय, वैश्य , शूद्र। इन चारो वर्णो में ब्राह्मण को सबसे अधिक सम्मानित और महत्वपूर्ण माना गया है परन्तु शास्त्र हमे इस बात का प्रमाण देते है की कोई प्राणी जो जन्म से ब्राह्मण हो पर कर्म स...