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Showing posts from March, 2021

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Bhandara: 15 June Aur Neem Karoli Baba

15 जून और कैंची धाम का भंडारा  15 जून १९६४ हम सभी के हृदय में धर्म स्थापना दिवस के रूप में सदैव के लिए यादगार बना हुआ है क्योंकि यह वही तारीख है जब परम पूज्य श्री नीम करोली बाबा जी ने श्री कैंची धाम में अपना आश्रय स्थल अपने आश्रम के रूप में बनाया था। आज उनके आश्रम को हम सभी भक्त अपना आश्रय स्थल मानते हैं और लाखों की संख्या से बढ़कर करोडो की संख्या में भक्त उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने की इच्छा से श्री कैंची धाम आते रहते है। बाबा किसी पहचान के मोहताज नहीं थे। नीम करोली बाबा के भक्त उनके आशीर्वाद से कभी दूर नहीं रहते अपितु हमेशा बाबा की कृपा अपने भक्तों पर बानी ही रहती है।  बाबा अपने भक्तो से एक बात सदैव कहते थे की "जब तुम मुझे बुलाओगे तब मैं तेरे पास ही रहूंगा" इस बात का भरोसा और विश्वास तुझे रखना होगा क्योंकि तेरा विश्वास और तेरा भरोसा जीतना अटल रहेगा उतनी ही शीघ्र  तुम तक पहुँचेगी। बाबा के भक्तो का विश्वास  बाबा का मानना था कि अगर शरण में जाना ही है हनुमान जी की शरण में जाओ क्योकि श्री राम के दर्शन उनकी इच्छा से होते हैं और श्री राम की कृपा भी उन्हीं की कृ...

Hanuman Ji Ka Adbhut Bal | हनुमानजी का अद्भुत बल

हनुमानजी का अद्भुत बल यह पुरानी घटना त्रेता युग की है जब भगवान श्री राम और असुर राज रावण के बीच भयंकर युद्ध चल रहा था। श्रीराम का पराक्रम देखने के बाद रावण को जब यह महसूस हुआ कि वह श्रीराम से जीत ना सकेगा तब उसने मायावी अमर राक्षसों के एक दल को बुलाया जिनकी संख्या लगभग 1000 रही होगी।   रावण ने उस राक्षस दल को आदेश दिया कि तुम सब जाओ और राम की सेना से युद्ध करो और उन्हें परास्त करो। रावण द्वारा अमर राक्षसों को भेजने की बात जब विभीषण को ज्ञात हुई तो विभीषण जी ने रावण की मायावी सेना और उसके राक्षसों की जानकारी भगवान श्रीराम तक पहुंचाई।  भगवान श्री राम के साथ ही साथ वानर राज सुग्रीव और समस्त वानर सेना को अमर राक्षसों के बारे में पता चला और वे सब चिंतित हो उठे क्योंकि इन अमर राक्षसों से कब तक युद्ध करना उन सबके लिए संभव होगा क्योंकि ये तो कभी मरेंगे ही नहीं और जब मरेंगे नहीं तो इन को हराना असंभव होगा। समस्त वानर सेना के हृदय में केवल एक ही बात चल रही थी कि हम लंबे समय तक युद्ध करने के पश्चात भी जीत नहीं पाएंगे।  जब पवन पुत्र हनुमान ने भगवान श्रीराम को चिंतित देखा तो हनुमा...

5 Magical Temples Of Lord Hanuman | हनुमान जी के पांच जादुई मंदिर

हनुमान जी के पांच जादुई मंदिर जय श्री कैंची धाम जय हो नीम करोली बाबा की  प्रिय भक्तों आप सभी हनुमान जी जानते हैं की हनुमान जी प्रभु श्री राम के भक्त हैं और भगवान शिव के 11 रुद्र अवतार हैं। हनुमान जी के विषय में पुराणों में लिखा है कि हनुमानजी चिरंजीवी हैं। वह शिव के 11 रुद्र अवतार होने के कारण और माता सीता के आशीर्वाद से चिरंजीवी हैं। हनुमानजी को भक्त शिरोमणि होने की भी उपाधि प्राप्त है क्योंकि उनसे बड़ा भक्त संसार में ना कभी हुआ है और ना होगा। हनुमान जी उठते, सोते, जागते, बैठते केवल राम नाम की धुन में रमे रहते हैं। हनुमान जी परम दयालु और परम कृपालु हैं।  वे अपने भक्तों पर कृपा बनाए रखते है।  तुलसीदास जी ने हनुमान जी को समर्पित करके उनके लिए हनुमान चालीसा का निर्माण किया था ताकि हनुमान चालीसा का जाप करके उनके भक्त हनुमान जी महाराज को प्रसन्न कर सके और उनकी कृपा को प्राप्त कर सकें। हनुमान जी की कृपा प्राप्त करना अत्यंत सरल है क्योंकि जो राम का नाम जपता है हनुमान जी उस पर अपनी कृपा बनाए रहते हैं।  श्री कैंची धाम आश्रम बाबा नीम करौली द्वारा स्थापित है। परम पूज्य श्री न...