5 Magical Temples Of Lord Hanuman | हनुमान जी के पांच जादुई मंदिर

हनुमान जी के पांच जादुई मंदिर

जय श्री कैंची धाम जय हो नीम करोली बाबा की 
प्रिय भक्तों आप सभी हनुमान जी जानते हैं की हनुमान जी प्रभु श्री राम के भक्त हैं और भगवान शिव के 11 रुद्र अवतार हैं। हनुमान जी के विषय में पुराणों में लिखा है कि हनुमानजी चिरंजीवी हैं। वह शिव के 11 रुद्र अवतार होने के कारण और माता सीता के आशीर्वाद से चिरंजीवी हैं। हनुमानजी को भक्त शिरोमणि होने की भी उपाधि प्राप्त है क्योंकि उनसे बड़ा भक्त संसार में ना कभी हुआ है और ना होगा। हनुमान जी उठते, सोते, जागते, बैठते केवल राम नाम की धुन में रमे रहते हैं। हनुमान जी परम दयालु और परम कृपालु हैं। 
वे अपने भक्तों पर कृपा बनाए रखते है।  तुलसीदास जी ने हनुमान जी को समर्पित करके उनके लिए हनुमान चालीसा का निर्माण किया था ताकि हनुमान चालीसा का जाप करके उनके भक्त हनुमान जी महाराज को प्रसन्न कर सके और उनकी कृपा को प्राप्त कर सकें। हनुमान जी की कृपा प्राप्त करना अत्यंत सरल है क्योंकि जो राम का नाम जपता है हनुमान जी उस पर अपनी कृपा बनाए रहते हैं। 
श्री कैंची धाम आश्रम बाबा नीम करौली द्वारा स्थापित है। परम पूज्य श्री नीम करौली द्वारा नैनीताल में कैंची धाम के अतिरिक्त सम्पूर्ण भारत में और भी मंदिरों का निर्माण करवाया गया। प्रत्येक मंदिर में उनका आश्रम और उसी आश्रम में हनुमान जी महाराज का मंदिर विराजमान है। 
अपने संपूर्ण जीवन काल में परम पूज्य नीम करोली बाबा जी ने अपने अनुयायियों  को केवल राम नाम का ही मंत्र दिया और उन्होंने कभी किसी को अपने शिष्य के रूप में स्वीकार नहीं किया बल्कि उन्होंने केवल हनुमान जी महाराज के चरणों में प्रणाम करने का ही आदेश दिया।आज यही मंदिर श्री नीम करोली बाबा द्वारा स्थापित होने के कारन समस्त भक्तों की आस्था का केंद्र बने हुए हैं। 
हनुमान जी के उन पांच सुप्रसिद्ध मंदिरों की सूची निम्नलिखित है:-

1. सालासर बालाजी धाम- प्रिय भक्तों आज हम आप सभी को भारत के राजस्थान राज्य में पड़ने वाले हनुमान जी के सुप्रसिद्ध मंदिर सालासर बालाजी धाम के बारे में बताएंगे। यह मंदिर अपने आप में कई कारणों से विशेष महत्व रखता है। इस मंदिर में हनुमान जी की जो प्रतिमा स्थापित है उस प्रतिमा में आप हनुमान जी की दाढ़ी और मूंछ को देख सकते हैं। इस मंदिर के अतिरिक्त संपूर्ण भारत में ऐसा कोई मंदिर नहीं जहां आपको हनुमान जी की दाढ़ी और मूंछ दिखाई पड़े। 
Salasar balaji temple Rajasthan- Shri Kainchi Dham
इस मंदिर की स्थापना संत मोहन दास के द्वारा विक्रम सम्वत 1811 को की गई थी। इस मंदिर में आने वाले भक्तों का मानना है कि यह एक सिद्ध स्थान है जहां श्री राम भक्त हनुमानअपनी संपूर्ण शक्ति के साथ विराजते हैं। इस मंदिर में आने वाले भक्तों की समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और समय-समय पर यहां आने वाले भक्तों द्वारा सवामणी प्रसाद का भोग भी करवाया जाता है। 
2. Hanuman Garhi, Ayodhya – हनुमान जी का जो मंदिर दूसरे नंबर पर आता है और भक्तों के बीच में आस्था का केंद्र है वह मंदिर राम जी की जन्मभूमि अयोध्या में पड़ता है। उस मंदिर का नाम है हनुमानगढ़ी। यह मंदिर अपने आप में विशेष महत्व रखता है क्योंकि यह राम जन्मभूमि के पास में स्थित है। इस मंदिर में भक्तों की अपार भीड़ देखने को मिलती है। हनुमान जी को अयोध्या का कोतवाल भी कहा जाता है। 
Hanuman Gadhi temple Ayodhya- Shri Kainchi Dham

कहते हैं हनुमान जी महाराज प्रभु श्रीराम के परम भक्त हैं और हनुमान जी की आज्ञा के बिना प्रभु श्री राम के दर्शन करना किसी के लिए भी संभव नहीं। हनुमान गढ़ी मंदिर एक ऐसा दिव्य स्थान है जहां की चरण रज को माथे से लगाते, जहां की पवित्र भूमि पर अपने कदमों को रखते आपको बजरंगबली महाराज की सकारात्मक ऊर्जा का आभास होने लगेगा। 

3. संकट मोचन हनुमान मंदिर, काशी – प्रिय भक्तों तीसरे नंबर पर हनुमान जी का जो मंदिर सुप्रसिद्ध है जो केवल भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी ख्याति प्राप्त है उस मंदिर का नाम है संकट मोचन हनुमान मंदिर। यह मंदिर भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के कशी शहर में स्थित है। इस मंदिर में हनुमान जी की प्रतिमा अत्यंत मनमोहक हैं। इस प्रतिमा की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि इस मंदिर में हनुमान जी के मंदिर के ठीक सामने ही प्रभु श्री राम का मंदिर स्थापित है अर्थात हनुमान जी हर पल प्रभु श्री राम को ही निहारा करते हैं। 
इस मंदिर की स्थापना करीब 400 साल पहले महान संत तुलसीदास जी के द्वारा की गई थी। लगभग संवत 1630 से 1681 के बीच में इस मंदिर का निर्माण माना जाता है। इस मंदिर में आने वाले भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। इस मंदिर में एक कुआं भी है जो तुलसीदास जी के समय का ही माना जाता है क्योंकि जब तुलसीदास जी काशी में रहकर रामचरितमानस लिख रहे थे उस समय रामचरितमानस को लिखने में तुलसीदास जी की सहायता भक्त शिरोमणि श्री हनुमान जी महाराज ने की थी। 
इस मंदिर की अनेकों विशेषताएं हैं जिनमें कुछ विशेषता हम आपको बताते हैं। जैसे इस मंदिर के चारों तरफ आपको बंदरों की अपार संख्या देखने को मिलेगी क्योंकि ऐसा माना जाता है कि हनुमान जी समस्त बंदरों के अग्रणी हैं। इसीलिए हनुमान जी महाराज संपूर्ण वानरों के साथ इस मंदिर में विराजमान रहते हैं। इतना ही नहीं महान संत तुलसीदास द्वारा रचित हनुमान अष्टक में श्री तुलसीदास जी ने "संकट मोचन" शब्द का उल्लेख कर इस मंदिर को और अधिक महत्व प्रदान किया है क्योंकि जिस "संकट मोचन" का उल्लेख तुलसीदास जी ने हनुमान अष्टक में  किया है ये वही संकटमोचन है जो आज काशी में संकट मोचन हनुमान मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है। 

4. श्री बालाजी हनुमान मंदिर, जामनगर – चौथे नंबर पर हनुमान जी का जो सुप्रसिद्ध मंदिर है वो  संपूर्ण भारत में हनुमान जी के भक्तों की आस्था का केंद्र है। वह गुजरात के जामनगर में पड़ता है। इस मंदिर का नाम श्री बालाजी हनुमान मंदिर है। इस मंदिर में भक्तों की अपार भीड़ देखने को मिलती है। इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषता है कि इस मंदिर के नाम पर एक विश्व रिकॉर्ड दर्ज है। यह विश्व रिकॉर्ड इस मंदिर को इसलिए प्राप्त है क्योंकि इस मंदिर में सन 1964 के बाद से लगातार विश्व में सबसे अधिक राम नाम जप किया गया है। 1964 से लेकर आज तक इस मंदिर में लगातार राम नाम के जप का गान होता जा रहा है। यही कारण है कि इस मंदिर को राम नाम जप के लिए विश्व रिकॉर्ड प्राप्त है। 

5. बड़ा हनुमान मंदिर, इलाहाबाद – पांचवें नंबर पर जो हनुमान जी का सुप्रसिद्ध मंदिर है वह भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के इलाहाबाद में पड़ता है। इस मंदिर का नाम है बड़ा हनुमान मंदिर। यह मंदिर संगम तट के पास पड़ता है। इस मंदिर की सबसे बड़ी विशेषताओं में से एक विशेषता यह है कि इसमें हनुमान जी के लेटी हुई प्रतिमा है। 
इस मंदिर की दूसरी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि साल में एक बार संगम का जल स्तर इतना बढ़ जाता है कि संगम का पानी इस मंदिर के अंदर आ जाता है और हनुमान जी को स्नान कराकर गंगा, यमुना, सरस्वती वापस लौट जाती हैं। 
भक्तों की आस्था और उनका मानना है कि इस मंदिर में आने वाले भक्तों की पुकार अवश्य सुनी जाती है यहां से कोई भी भक्त कभी खाली हाथ नहीं लौटता। 

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