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मंगलवार का देवता कौन है? | मंगलवार को कौन सा मंत्र पढ़ना चाहिए?

शास्त्रों के मुताबिक, मंगलवार का दिन भगवान गणेश, भगवान हनुमान, और देवी दुर्गा और काली को समर्पित है। मंगलवार को बजरंगबली का दिन माना जाता है। इस दिन बजरंगबली की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। मंगलवार की पूजा मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है। हनुमान जी को शक्ति, बल, साहस और संकट मोचन का देवता माना जाता है। माना जाता है कि मंगलवार के दिन अगर सच्चे मन और पूरी श्रद्धा के साथ हनुमान जी की पूजा की जाए तो व्यक्ति को हर संकट से मुक्ति मिल जाती है। शास्त्रों के मुताबिक, मंगलवार के दिन देवी पूजा के लिए पंचमेवा, मिष्ठान, फल, लाल रंग के पुष्प और माला, कलावा, दिया, बाती, रोली, सिंदूर, पानी वाला नारियल, अक्षत, लाल कपड़ा, पूजा वाली सुपारी, लौंग, पान के पत्ते, गाय का घी, कलश, आम का पत्ता, कमल गट्टा, समिधा, लाल चंदन, जौ, तिल, सोलह श्रृंगार का सामान आदि रखना चाहिए।  मंगलवार को व्रत रखने से कुंडली में मंगल दोष से मुक्ति भी मिल सकती है। मंगलवार के दिन में क्या खास है? मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित है. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, मंगलवार के दिन ही बजरं

दवा पिला दे - श्री कैंची धाम | Dawa pila de - Shri Kainchi Dham

                    दवा पिला दे - श्री कैंची धाम | Dawa pila de - Shri Kainchi Dham
अल्मोड़ा में एक दिन दिवाकर पंत बहुत बुरी तरह बीमार हो गये। आधी रात होते-होते उनकी हालत बहुत नाजुक हो गयी। पहाड़ में इतनी रात किसी डॉक्टर को बुलाना भी संभव नहीं था। सब सुबह होने का इंतजार कर रहे थे। उनकी हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी। उनकी पत्नी रोते-रोते बदहवास होकर गिर पड़ीं। सभी चिंतित हो उठे।
Neem Karoli Baba
तभी उन्होंने महसूस किया जैसे महाराज जी उनका कंधा पकड़कर हिला रहे हैं और एक दवा की तरफ इशारा करते हुए कह रहे हैं कि, "वो दवा पिला दे ठीक हो जाएगा।"
उन्हें यह सोचने का भी होश नहीं था कि, अचानक बाबाजी कब आ गये ? कमरे में उनके अलावा किसी और ने बाबाजी को देखा भी नहीं। वे उठीं और बाबाजी ने जिस दवा की तरफ इशारा किया था वह दवा पिला दी। दवा देते ही दिवाकर पंत के व्यवहार में अजीब सा बदलाव आ गया। वे हिंसक हो गये और अनाप-शनाप बकने लगे। ऐसे लग रहा था जैसे उनके दिमाग का संतुलन बिगड़ गया है। सब उनकी पत्नी के व्यवहार को कोस रहे थे कि बिना जाने समझे उसने कौन सी दवा दे दी। खुद उनकी पत्नी को भी पता नहीं था कि उन्होंने कौन सी दवा दे दी है। उन्हें न दवा का नाम पता था और न डोज।
खैर, अगली सुबह डॉ खजानचंद आये। रोगी की जांच करने के बाद उन्होंने वह सब वाक्या बड़े धैर्य से सुना जो रात में घटित हुआ था। उन्होंने 'कोरोमिन' नामक दवा की वह शीशी भी देखी जिसमें से रात में रोगी को उनकी पत्नी ने दवा पिलाई थी। सब सुनने के बाद उन्होंने दिवाकर पंत की पत्नी से पूछा, "बेटी तुमने यह दवा क्यों दी ?"
मारे शर्म और अपराधबोध के वो कोई जवाब न दे सकीं। बस बुरी तरह रोये जा रही थी। तब डॉक्टर ने उनकी पीठ थपथपाते हुए कहा कि, "यह दवा देकर तुमने अपने पति की जान बचा ली। उस वक्त सिर्फ यही एक दवा थी जो रोगी को दी जा सकती थी।" डॉक्टर ने कहा, "अब वे ठीक हो जाएंगे। घबराने की कोई बात नहीं है।"
श्री नीम करौली बाबा जी की सर्वव्यापकता का ज्ञान सर्वविदित है।
जय श्री कैंची धाम की
जय श्री नीम करोली बाबा

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Vishnu Sahasranamam Stotram Mahima ॐ  नमो भगवते वासुदेवाय नमः  प्रिय भक्तों विष्णु सहस्त्रनाम भगवान श्री हरि विष्णु अर्थात भगवान नारायण के 1000 नामों की वह श्रृंखला है जिसे जपने मात्र से मानव के समस्त दुख और कष्ट दूर हो जाते हैं और भगवान विष्णु की अगाध कृपा प्राप्त होती है।  विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करने में कोई ज्यादा नियम विधि नहीं है परंतु मन में श्रद्धा और विश्वास अटूट होना चाहिए। भगवान की पूजा करने का एक विधान है कि आपके पास पूजन की सामग्री हो या ना हो पर मन में अपने इष्ट के प्रति अगाध विश्वास और श्रद्धा अवश्य होनी चाहिए।  ठीक उसी प्रकार विष्णु सहस्रनाम का पाठ करते समय आपके हृदय में भगवान श्री विष्णु अर्थात नारायण के प्रति पूर्ण प्रेम श्रद्धा विश्वास और समर्पण भाव का होना अति आवश्यक है। जिस प्रकार की मनो स्थिति में होकर आप विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करेंगे उसी मनो स्तिथि में भगवान विष्णु आपकी पूजा को स्वीकार करके आपके ऊपर अपनी कृपा प्रदान करेंगे।    भगवान विष्णु के सहस्त्र नामों का पाठ करने की महिमा अगाध है। श्रीहरि भगवान विष्णु के 1000 नामों (Vishnu 1000 Names)के स्मरण मात्र से मनु

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