Neem Karoli Baba Aur Rog Mukti Vaidik Mantra प्रिय भक्तों आज हम आप सभी को ऐसे मंत्र के बारे में बताएंगे जिसका उच्चारण करके आप सभी रोगों से मुक्ति पा सकते हैं। हम सभी के जीवन में अनेकों अनेक रोग कभी न कभी आ ही जाते हैं जिनकी वजह से हम सभी का जीवन हस्त व्यस्त हो जाता है। परम पूज्य श्री नीम करोली बाबा की कृपा से और हनुमान जी के आशीर्वाद से हम सभी को बाबा जी का सानिध्य प्राप्त हुआ और बाबा जी के सानिध्य में रहकर हम सभी ने राम नाम रूपी मंत्र को जाना जिसके उच्चारण मात्र से हम सभी को प्रभु श्री राम के साथ-साथ हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है। बाबा जी के दिशा निर्देशों के अनुसार हम सभी अपने जीवन की मोह माया से मुक्ति पा सकते हैं। यूं तो जब तक जीवन है तब तक माया से मुक्ति पाना संभव नहीं हो पता परंतु गृहस्थ जीवन में रहकर भी एक सन्यासी का जीवन जीना सहज हो सकता है यदि हम ईश्वर में अपने मन को रमाने का प्रयास करें और अपने कर्म पर ध्यान दे क्योंकि गीता में भी भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि कर्म ही प्रधान है। यदि हम बिना किसी लोभ के, बिना किसी आशा के, बिना ये सोचे कि यह पुण्य है या पाप केवल ...
मेरे वैध नीम करोली बाबा- श्री कैंची धाम | Mere vaidya neem karoli baba - Shri Kainchi Dham
पूरन-दा की पत्नी को लक़वे का अटैक आ गया । ठोड़ी टेडी हो गयी । बायीं आँख खुली की खूली रह गयी । चेहरा विकृत हो चला , होंठ एक ओर भिंच गये । मैं घबरा गया कि क्या करूँ , आर्थिक स्थिति भी सही नहीं थी । महाराज को स्मरण करने के सिवा मेरे पास कोई चारा नहीं था । दशा ख़राब होती गयी। आंख की पूतली में सफ़ेदी आ गयी । डाक्टरों ने कह दिया कि लाईलाज बिमारी है । रात को निराश लेटे हम महाराजजी का स्मरण कर रहे थे । न जाने कब हम गहरी नींद में चले गए।
पर चार बजे सुबह पत्नी बोल उठी ," अरे महाराजजी के नहाने के लिये गरम पानी करना है ।" ( हम दोनों रात भर स्वप्न में बाबा के साथ थे ) आवाज़ सुनकर जागे तो देखा कि प्रभु तो कहीं नहीं है । पर देखा कि पत्नी कि आँख झपकनी शुरू हो गयी ।ठोड़ी धीरे धीरे अपने स्थान पर आ गई । अब एक ही चीज़ रह गयी पूतली में सफ़ेदी तथा होटो का टेढापन । डाक्टर को विश्वास नहीं हूआ । मैं बोला -" ये तो बस उनकी कृपा का फल है ।" मैंने पुतली की सफ़ेदी हेतू दवाई माँगी तो उसने कहा कि काला टैटू करवा लो । न जाने क्या हूआ कि मैंने बाबा का स्मरण कर डाक्टर से एट्रोपिन की शीशी माँग ली । डाक्टर हँसते हूये बोला ," इससे क्या होगा ।" घर आकर मैंने पत्नी की आँख में एट्रोपिन डाल दी । २,३ घण्टे में आँख की सफ़ेद धूंध भी ग़ायब हो गयी । डाक्टर हैरान , सब नीम करोली बाबा जी अपनी लीला कर रहे थे ।
परन्तु चेहरा अभी भी श्रीहीन था और मूँह भी टेढ़ा था । १० ,१२ दिन बाद महाराज स्वंय हमारे घर पधारे ।उसी समय कमला जी बाहर पानी लेने निकली । प्रभू को देखा तो प्रणाम करने झुकी ही थी कि बाबा ने उनके चेहरे पर हाथ फेरते हूये पूछा ," बहू क्या हो गया था तूझे ?" बस इतने में ही बाक़ी उपचार हो गया । सम्पूर्ण मुखमण्डल में क्रांति आ गयी । बाबा तो लीलाँ धारी है , भगवान है , सब रोग दूर करते है , बस समय लगता है , कर्म भोग तो हमे भोगने है , पर डरना नही , समय आने पर प्रभू स्वंय आते है और स्मस्त रोग समाप्त कर देते है ।
श्री नीम करोली बाबा की जय
श्री कैंची धाम की जय
श्री कैंची धाम की जय
अनंत कथामृत
Good work you doing. जय बाबा नीम करौली।
ReplyDelete