Sankat Mochan Hanuman
भक्ति का स्वरूप, भक्ति का ज्ञान हमें श्री हनुमान जी महाराज से सीखना चाहिए। हनुमान जी महाराज ने भक्ति के द्वारा श्री राम को प्राप्त कियाऔर श्री राम के वरदान स्वरुप समस्त संसार में हनुमान जी की आराधना, उनकी जय जयकार और उनकी प्रतिष्ठा संपन्न हो सकी।
शास्त्रों की माने तो हनुमान जी महाराज भगवान शिव अर्थात महा रूद्र के 11 में रुद्र अवतार हैं और उन्हें शिव स्वरूप भी माना जाता है अर्थात हनुमान जी महाराज स्वयं महादेव के ही अवतार हैं। अतः जब कोई संकट किसी भी प्राणी को महसूस होता है तो वह संकट से छुटकारा पाने के लिए अपनी श्री हनुमान जी महाराज की शरण लेता है और उनसे उस संकट को दूर करने की प्रार्थना करता है। हनुमान जी महाराज अत्यंत ही दयालु हैं। वह अपने शरणागत की रक्षा अवश्य करते हैं। हम सभी को उनके दिव्य मंत्रो के द्वारा उनको प्रसन्न करके उनसे अपनी रक्षा की प्रार्थना करनी चाहिए।
हनुमान जी के भक्तों के द्वारा हनुमान जी को अनेको नाम से संबोधित किया जाता है। वीर हनुमान, राम भक्त, शिव अवतार, मारुति नंदन, महावीर ये सभी नाम भजरंग बलि के ही है पर इन सभी नामो में एक नाम ऐसा भी है जो भक्तों ने संकट से दूर करने के बाद हनुमान जी महाराज को दिया। संकट मोचन अर्थात जो हमें समस्त संकटों से मुक्ति दिलाये उसी को संकट मोचन कहा जाता है। हनुमान जी महाराज को संकट मोचन नाम उनके प्रिय भक्तों ने दिया और हनुमान जी महाराज भक्तों के समस्त संकटों को दूर करके उन्हें अपनी शरण में ले लेते हैं।
भक्ति साक्षात मूर्तिमान होकर हनुमान जी महाराजके रूप में हम सभी प्राणियों के समक्ष है। भक्ति कैसे करनी चाहिए? भक्ति क्या होती है? और भक्त में क्या-क्या विशेषताएं होनी चाहिए? इन सब बातों का ज्ञान हम सभी को हनुमान जी महाराज के जीवन चरित्र को जानने के पश्चात् प्राप्त होता है।
श्री पंचमुखी हनुमान मंत्र
हनुमान जी के संदर्भ में शास्त्रों में अनेक मंत्र बताए गए हैं जिनसे हम महावीर हनुमान को प्रसन्न करके उनसे अपनी रक्षा की प्रार्थना कर सकते हैं परंतु आज हम पांच मुखी हनुमान से जुड़ा एक ऐसा मंत्र आप सबको बताने जा रहे हैं जिसके जाप से आप केवल सुरक्षित ही नहीं महसूस करेंगे अपितु आपके चारों तरफ एक ऐसा सकारात्मक सुरक्षा घेरा बन जाएगा जिसका भेदन करना किसी भी नकारात्मक ऊर्जा के लिए सुलभ नहीं होगा क्योंकि उस सकारात्मक घेरे की सुरक्षा स्वयं महावीर हनुमान जी के द्वारा की जाएगी। आप सभी का श्री हनुमान जी महाराज में पूर्ण विश्वास का होना अति आवश्यक है क्युकी बिना विश्वास के ये मंत्र भी सिद्धं नहीं होता है।
ॐ नमो हरि मर्कट मर्कटाय स्वाहा का अर्थ
ॐ नमो हरि मर्कट मर्कटाय स्वाहा' पंचमुखी हनुमान का मंत्र है। इस मंत्र के जाप से कष्ट दूर होकर सुख की अनुभूति होती है। मान्यता है कि इस मंत्र के जाप से आत्मबल और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
हनुमान जी के कुछ और मंत्र ये हैं:
ॐ नमो हनुमते रूद्रावताराय सर्वशत्रुसंहारणाय सर्वरोग हराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा
ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट
ॐ हं हनुमते नमः
ॐ नमो हनुमते भयभंजनाय सुखं कुरु फट्
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