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Showing posts from July, 2024

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Bhandara: 15 June Aur Neem Karoli Baba

15 जून और कैंची धाम का भंडारा  15 जून १९६४ हम सभी के हृदय में धर्म स्थापना दिवस के रूप में सदैव के लिए यादगार बना हुआ है क्योंकि यह वही तारीख है जब परम पूज्य श्री नीम करोली बाबा जी ने श्री कैंची धाम में अपना आश्रय स्थल अपने आश्रम के रूप में बनाया था। आज उनके आश्रम को हम सभी भक्त अपना आश्रय स्थल मानते हैं और लाखों की संख्या से बढ़कर करोडो की संख्या में भक्त उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने की इच्छा से श्री कैंची धाम आते रहते है। बाबा किसी पहचान के मोहताज नहीं थे। नीम करोली बाबा के भक्त उनके आशीर्वाद से कभी दूर नहीं रहते अपितु हमेशा बाबा की कृपा अपने भक्तों पर बानी ही रहती है।  बाबा अपने भक्तो से एक बात सदैव कहते थे की "जब तुम मुझे बुलाओगे तब मैं तेरे पास ही रहूंगा" इस बात का भरोसा और विश्वास तुझे रखना होगा क्योंकि तेरा विश्वास और तेरा भरोसा जीतना अटल रहेगा उतनी ही शीघ्र  तुम तक पहुँचेगी। बाबा के भक्तो का विश्वास  बाबा का मानना था कि अगर शरण में जाना ही है हनुमान जी की शरण में जाओ क्योकि श्री राम के दर्शन उनकी इच्छा से होते हैं और श्री राम की कृपा भी उन्हीं की कृ...

Panch Mukhi Hanuman: ॐ नमो हरि मर्कट मर्कटाय स्वाहा का अर्थ

  Sankat Mochan Hanuman भक्ति का स्वरूप, भक्ति का ज्ञान हमें श्री हनुमान जी महाराज से सीखना चाहिए। हनुमान जी महाराज ने भक्ति के द्वारा श्री राम को प्राप्त कियाऔर श्री राम के वरदान स्वरुप समस्त संसार में हनुमान जी की आराधना, उनकी जय जयकार और उनकी प्रतिष्ठा संपन्न हो सकी।  शास्त्रों की माने तो हनुमान जी महाराज भगवान शिव अर्थात महा रूद्र के 11 में रुद्र अवतार हैं और उन्हें शिव स्वरूप भी माना जाता है अर्थात हनुमान जी महाराज स्वयं महादेव के ही अवतार हैं। अतः जब कोई संकट किसी भी प्राणी को महसूस होता है तो वह संकट से छुटकारा पाने के लिए अपनी श्री हनुमान जी महाराज की शरण लेता है और उनसे उस संकट को दूर करने की प्रार्थना करता है। हनुमान जी महाराज अत्यंत ही दयालु हैं। वह अपने शरणागत की रक्षा अवश्य करते हैं। हम सभी को उनके दिव्य मंत्रो के द्वारा उनको प्रसन्न करके उनसे अपनी रक्षा की प्रार्थना करनी चाहिए।   हनुमान जी के भक्तों के द्वारा हनुमान जी को अनेको नाम से संबोधित किया जाता है।  वीर हनुमान, राम भक्त, शिव अवतार, मारुति नंदन, महावीर ये सभी नाम भजरंग बलि के ही है पर इन सभी...

Dharma muneeswaran temple in hindi

सनातन धर्म में त्रिदेवों का विशेष महत्व है। भगवान शिव को हम सभी देवों के देव महादेव के नाम से भी जानते हैं। पुराणों में महादेव का स्वरुप मनमोहक बताया गया है। महादेव सदाशिव के नाम से समस्त संसार में पूछे जाते हैं और इसीलिए भगवान शिव को समर्पित अनगिनत मंदिर सिर्फ भारत में ही नहीं अपितु समस्त संसार में पाए जाते हैं। आज हम उन्ही मंदिरों में से एक श्री धर्म मुनीश्वरन मंदिर की बात करेंगे जिनको भारत के बाहर रहने वाले भारतीय पूर्ण श्रद्धा और आस्था के साथ पूछते हैं। इस मंदिर की विशेषता के बारे में आप सबको अवगत कराएंगे। यह मंदिर भारत में नहीं है पर कहां है इस जानकारी के लिए संपूर्ण लेख को ध्यानपूर्वक पढ़िए। Dharma muneeswaran temple in hindi  श्री धर्म मुनीश्वरन मंदिर सिंगापुर में 17 सेरांगून नॉर्थ एवेन्यू 1 में स्थित एक हिंदू मंदिर है। यह शिव के एक रूप धर्म मुनीश्वरन को समर्पित है। यह मंदिर एक सदी से भी ज़्यादा समय से मौजूद है, जिसकी शुरुआत 1900 में एक बोधि वृक्ष के नीचे एक मंदिर के रूप में हुई थी। 1930 के दशक में, क्षेत्र के कई निवासियों ने भगवान धर्म मुनीश्वरन के दर्शन का अनुभव किया...

क्या बुद्ध विष्णु के अवतार है?

Is-Buddha-an-avtaram-of-Vishnu समय-समय पर यह प्रश्न उठाया जाता रहा है कि भगवान बुद्ध भगवन विष्णु के अवतार थे या नहीं। इस संदर्भ मेंआनेको कथाएं सामने आती हैं जिनमें कुछ कथाओं में लोगों का विश्वास है और कुछ कथाओं को लोग मिथ्या मानते हैं। आज हम यह समझने का प्रयास करेंगे कि क्या वास्तव में भगवान बुद्ध भगवान विष्णु के अवतार हैं या फिर यह सब एक मिथ्या प्रचार है।  गौतम बुद्धा या विष्णु  हाँ , हिंदू धर्म में, गौतम बुद्ध को विष्णु के दस प्रमुख अवतारों में से नौवां अवतार माना जाता है। यह विचार वैष्णव परंपरा में विशेष रूप से प्रचलित है, जहाँ विष्णु को रक्षक और संतुलनकारी देवता के रूप में देखा जाता है। हालांकि, यह विचार सभी हिन्दू सम्प्रदायों द्वारा स्वीकार नहीं किया जाता है। कुछ सम्प्रदायों में, बुद्ध को एक महान शिक्षक और ज्ञानी व्यक्ति के रूप में सम्मानित किया जाता है, लेकिन उन्हें विष्णु का अवतार नहीं माना जाता है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हिंदू धर्म में विभिन्न सम्प्रदायों और विचारों की एक विस्तृत श्रृंखला मौजूद है, और बुद्ध की भूमिका और महत्व को लेकर विभिन्न दृष्टिकोण मौजूद है...