Neem Karoli Baba Aur Rog Mukti Vaidik Mantra प्रिय भक्तों आज हम आप सभी को ऐसे मंत्र के बारे में बताएंगे जिसका उच्चारण करके आप सभी रोगों से मुक्ति पा सकते हैं। हम सभी के जीवन में अनेकों अनेक रोग कभी न कभी आ ही जाते हैं जिनकी वजह से हम सभी का जीवन हस्त व्यस्त हो जाता है। परम पूज्य श्री नीम करोली बाबा की कृपा से और हनुमान जी के आशीर्वाद से हम सभी को बाबा जी का सानिध्य प्राप्त हुआ और बाबा जी के सानिध्य में रहकर हम सभी ने राम नाम रूपी मंत्र को जाना जिसके उच्चारण मात्र से हम सभी को प्रभु श्री राम के साथ-साथ हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है। बाबा जी के दिशा निर्देशों के अनुसार हम सभी अपने जीवन की मोह माया से मुक्ति पा सकते हैं। यूं तो जब तक जीवन है तब तक माया से मुक्ति पाना संभव नहीं हो पता परंतु गृहस्थ जीवन में रहकर भी एक सन्यासी का जीवन जीना सहज हो सकता है यदि हम ईश्वर में अपने मन को रमाने का प्रयास करें और अपने कर्म पर ध्यान दे क्योंकि गीता में भी भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि कर्म ही प्रधान है। यदि हम बिना किसी लोभ के, बिना किसी आशा के, बिना ये सोचे कि यह पुण्य है या पाप केवल ...
सनातन धर्म में त्रिदेवों का विशेष महत्व है। भगवान शिव को हम सभी देवों के देव महादेव के नाम से भी जानते हैं। पुराणों में महादेव का स्वरुप मनमोहक बताया गया है। महादेव सदाशिव के नाम से समस्त संसार में पूछे जाते हैं और इसीलिए भगवान शिव को समर्पित अनगिनत मंदिर सिर्फ भारत में ही नहीं अपितु समस्त संसार में पाए जाते हैं। आज हम उन्ही मंदिरों में से एक श्री धर्म मुनीश्वरन मंदिर की बात करेंगे जिनको भारत के बाहर रहने वाले भारतीय पूर्ण श्रद्धा और आस्था के साथ पूछते हैं। इस मंदिर की विशेषता के बारे में आप सबको अवगत कराएंगे। यह मंदिर भारत में नहीं है पर कहां है इस जानकारी के लिए संपूर्ण लेख को ध्यानपूर्वक पढ़िए।
Dharma muneeswaran temple in hindi
श्री धर्म मुनीश्वरन मंदिर सिंगापुर में 17 सेरांगून नॉर्थ एवेन्यू 1 में स्थित एक हिंदू मंदिर है। यह शिव के एक रूप धर्म मुनीश्वरन को समर्पित है। यह मंदिर एक सदी से भी ज़्यादा समय से मौजूद है, जिसकी शुरुआत 1900 में एक बोधि वृक्ष के नीचे एक मंदिर के रूप में हुई थी। 1930 के दशक में, क्षेत्र के कई निवासियों ने भगवान धर्म मुनीश्वरन के दर्शन का अनुभव किया था। मंदिर में धर्म मुनीश्वरन की एक मूर्ति है, जिसमें उनके साथी विनायक, मुरुगन और मरियम्मन भी हैं। यहां राम, सीता, लक्ष्मण और हनुमान की मूर्तियाँ भी हैं। यह मंदिर दक्षिण-पूर्व एशिया में नाग की सबसे बड़ी मूर्ति रखने के लिए जाना जाता है। हिंदू लोग मंदिर में प्रार्थना करने और पूजा करने के लिए आते हैं, खास तौर पर काल सर्प दोष से बचने के लिए।
Dharma Muneeswaran Temple खुलने का समय और दर्शन का समय
श्री धर्म मुनीश्वरन मंदिर के खुलने के समय के बारे में यहाँ कुछ जानकारी दी गई है:
* जनरल ओफ़नंग्सज़ीटेन (जर्मन में खुलने का समय): मंदिर प्रतिदिन सुबह 7 बजे से शाम 9:15 बजे तक खुला रहता है।
* मंगलवार शाम: मंगलवार शाम को मंदिर पहले 4:30 बजे खुलता है।
* रविवार शाम: मंदिर रविवार शाम को थोड़ा देर से 5 बजे खुलता है।
सार्वजनिक परिवहन द्वारा मंदिर तक कैसे पहुँचें
आप विभिन्न MRT स्टेशनों से कई बसें लेकर श्री धर्म मुनीश्वरन मंदिर पहुँच सकते हैं। यहाँ कुछ मार्ग दिए गए हैं:
* फ़रर पार्क MRT स्टेशन से: बस नंबर 147 लें, जो लगभग 25 मिनट का समय लेती है।
* अंग मो किओ MRT स्टेशन से: बस नंबर 132 या 25 लें। यात्रा का समय लगभग 20 मिनट है।
* सेरंगून MRT स्टेशन से: बस नंबर 315 या 73 लें। इस मार्ग पर लगभग 30 मिनट लगते हैं।
मंदिर के लिए सबसे नजदीकी बस स्टॉप सेरांगून नॉर्थ एवेन्यू 1 के साथ ब्लॉक 152 के सामने है। बस स्टॉप से मंदिर तक पैदल जाने में लगभग 5 मिनट लगते हैं।
मंदिर में आयोजित होने वाले त्यौहार और कार्यक्रम
हिंदू मंदिर आमतौर पर साल भर में कई त्यौहार मनाते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख हिंदू त्यौहार दिए गए हैं जो श्री धर्म मुनीश्वरन मंदिर में मनाए जा सकते हैं:
* थाई पोंगल: जनवरी में मनाया जाने वाला एक फसल उत्सव, जिसमें आमतौर पर चावल, दाल और गुड़ से बने व्यंजन पोंगल का प्रसाद चढ़ाया जाता है।
* महा शिवरात्रि: भगवान शिव का सम्मान करने वाला एक त्यौहार, जिसे फरवरी या मार्च में विशेष पूजा और प्रसाद के साथ मनाया जाता है।
* नवरात्रि: दुर्गा पूजा मनाने वाला नौ रातों का त्यौहार, आमतौर पर सितंबर या अक्टूबर में। इस दौरान मंदिर को सजाया जा सकता है और विशेष पूजा की जा सकती है।
* दीपावली (दिवाली): रोशनी का त्यौहार, जो अक्टूबर या नवंबर में मनाया जाता है। मंदिर को तेल के दीयों से रोशन किया जा सकता है और आतिशबाजी का प्रदर्शन किया जा सकता है।
सारांश :
भारत से बाहर सिंगापुर में स्थित यह मंदिर सनातन धर्म की पौराणिकता को प्रत्याशित करता है और यह स्पष्ट करता है कि समस्त धर्मो में सर्वप्रथम सनातन धर्म ही आया जिससे समस्त मानव जाति का विकास हुआ। यु तो काल सर्प दोष की पूजा भारत में केवल त्रंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग में होती है किंतु भारत से बाहर रहने वाले सनातनी की मान्यता और विश्वास के कारन कालसर्प दोष की पूजा करने के लिए भारत के बहार रहने वाले सनातनी Dharma muneeswaran temple में काल सर्प दोष मुक्ति के लिए भी पूजा करते है। शिव से ही समस्त जगत की उत्पत्ति है और शिव के बाद भी न कोई था और ना शिव के पूर्व था परंतु शिव सनातन है, शिव सत्य है, शिव सुंदर है। हम महादेव के चरणों में प्रणाम करके उनसे आशीर्वाद की आकांक्षा करते हुए आप सबके मंगल की प्रार्थना करते हैं।
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