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नीम करोली बाबा ने बताया बीमारियों से मुक्ति पाने का मंत्र

Neem Karoli Baba Aur Rog Mukti Vaidik Mantra प्रिय भक्तों आज हम आप सभी को ऐसे मंत्र के बारे में बताएंगे जिसका उच्चारण करके आप सभी रोगों से मुक्ति पा सकते हैं। हम सभी के जीवन में अनेकों अनेक रोग कभी न कभी आ ही जाते हैं जिनकी वजह से हम सभी का जीवन हस्त व्यस्त हो जाता है। परम पूज्य श्री नीम करोली बाबा की कृपा से और हनुमान जी के आशीर्वाद से हम सभी को बाबा जी का सानिध्य प्राप्त हुआ और बाबा जी के सानिध्य में रहकर हम सभी ने राम नाम रूपी मंत्र को जाना जिसके उच्चारण मात्र से हम सभी को प्रभु श्री राम के साथ-साथ हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है। बाबा जी के दिशा निर्देशों के अनुसार हम सभी अपने जीवन की मोह माया से मुक्ति पा सकते हैं। यूं तो जब तक जीवन है तब तक माया से मुक्ति पाना संभव नहीं हो पता परंतु गृहस्थ जीवन में रहकर भी एक सन्यासी का जीवन जीना सहज हो सकता है यदि हम ईश्वर में अपने मन को रमाने का प्रयास करें और अपने कर्म पर ध्यान दे क्योंकि गीता में भी भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि कर्म ही प्रधान है। यदि हम बिना किसी लोभ के, बिना किसी आशा के, बिना ये सोचे कि यह पुण्य है या पाप केवल ...

क्या बुद्ध विष्णु के अवतार है?

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समय-समय पर यह प्रश्न उठाया जाता रहा है कि भगवान बुद्ध भगवन विष्णु के अवतार थे या नहीं। इस संदर्भ मेंआनेको कथाएं सामने आती हैं जिनमें कुछ कथाओं में लोगों का विश्वास है और कुछ कथाओं को लोग मिथ्या मानते हैं। आज हम यह समझने का प्रयास करेंगे कि क्या वास्तव में भगवान बुद्ध भगवान विष्णु के अवतार हैं या फिर यह सब एक मिथ्या प्रचार है। 

गौतम बुद्धा या विष्णु 

हाँ, हिंदू धर्म में, गौतम बुद्ध को विष्णु के दस प्रमुख अवतारों में से नौवां अवतार माना जाता है। यह विचार वैष्णव परंपरा में विशेष रूप से प्रचलित है, जहाँ विष्णु को रक्षक और संतुलनकारी देवता के रूप में देखा जाता है।
हालांकि, यह विचार सभी हिन्दू सम्प्रदायों द्वारा स्वीकार नहीं किया जाता है। कुछ सम्प्रदायों में, बुद्ध को एक महान शिक्षक और ज्ञानी व्यक्ति के रूप में सम्मानित किया जाता है, लेकिन उन्हें विष्णु का अवतार नहीं माना जाता है।
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हिंदू धर्म में विभिन्न सम्प्रदायों और विचारों की एक विस्तृत श्रृंखला मौजूद है, और बुद्ध की भूमिका और महत्व को लेकर विभिन्न दृष्टिकोण मौजूद हैं।
यहाँ कुछ तर्क दिए गए हैं जो यह दर्शाते हैं कि बुद्ध को विष्णु का अवतार क्यों माना जाता है:
  • पुराणों में उल्लेख: कुछ पुराणों, जैसे कि भविष्य पुराण और गरुड़ पुराण, में बुद्ध को विष्णु के अवतार के रूप में वर्णित किया गया है।
  • कर्म का चक्र: विष्णु को अक्सर कर्म के चक्र से मुक्ति प्रदान करने वाले देवता के रूप में देखा जाता है। बुद्ध की शिक्षाएं भी कर्म और मोक्ष पर केंद्रित हैं, जो इस विचार को मजबूत करती हैं कि वे विष्णु का अवतार हैं।
  • अहिंसा का संदेश: विष्णु को अक्सर अहिंसा या अहिंसा के देवता के रूप में भी देखा जाता है। बुद्ध की शिक्षाएं भी अहिंसा पर जोर देती हैं, जो इस समानता को दर्शाता है।
हालांकि, यह भी महत्वपूर्ण है कि कुछ विद्वानों का तर्क है कि बुद्ध को विष्णु का अवतार मानने का विचार बाद में विकसित हुआ, और यह मूल रूप से बौद्ध धर्म में मौजूद नहीं था।
अंततः, यह प्रश्न कि क्या बुद्ध विष्णु का अवतार हैं या नहीं, व्यक्तिगत विश्वास और व्याख्या का विषय है।

Buddha 

निश्चित रूप से! "बुद्ध" शब्द का अर्थ प्रबुद्ध या जागृत व्यक्ति से है। आइए मैं बुद्ध के बारे में कुछ जानकारी साझा करता हूँ:
  • सिद्धार्थ गौतम: बुद्ध के नाम से सबसे अधिक जाने जाने वाले सिद्धार्थ गौतम एक घुमक्कड़ तपस्वी और धार्मिक शिक्षक थे, जो 6वीं या 5वीं शताब्दी ईसा पूर्व के दौरान दक्षिण एशिया में रहते थे। उन्होंने बौद्ध धर्म की स्थापना की। किंवदंतियों के अनुसार, उनका जन्म लुम्बिनी (अब नेपाल में) में शाक्य वंश के शाही माता-पिता के यहाँ हुआ था। हालाँकि, उन्होंने एक घुमक्कड़ तपस्वी के रूप में रहने के लिए अपने गृहस्थ जीवन को त्याग दिया। ध्यान और तप के जीवन के बाद, उन्होंने भारत के बोधगया में ज्ञान (निर्वाण) प्राप्त किया। बुद्ध ने तब यात्रा की, शिक्षा दी और एक मठवासी आदेश की स्थापना की। माना जाता है कि उनकी मृत्यु कुशीनगर में हुई थी, जहाँ उन्होंने परिनिर्वाण (संयमित अस्तित्व से अंतिम मुक्ति) प्राप्त किया। - बुद्धत्व: "बुद्ध" शब्द का अर्थ है वह व्यक्ति जो अज्ञानता से पूरी तरह से जाग गया है और सभी जानने योग्य चीजों की वास्तविक प्रकृति को समझ गया है। यह प्राचीन जागरूकता, निर्वाण, ज्ञान और मुक्ति का प्रतिनिधित्व करता है।
  • विरासत: बुद्ध की शिक्षाओं को बौद्ध समुदाय द्वारा विनय (मठवासी अभ्यास के लिए कोड) और सुत्त पिटक (उनके प्रवचनों पर आधारित) जैसे ग्रंथों में संकलित किया गया था। बौद्ध धर्म भारतीय उपमहाद्वीप से परे फैल गया, विभिन्न परंपराओं और प्रथाओं में विकसित हुआ।
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Vishnu

निश्चित रूप से! विष्णु जिन्हें नारायण और हरि के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। मुझे इस पूजनीय देवता के बारे में कुछ जानकारी साझा करने दें:
भूमिका और गुण:
विष्णु हिंदू धर्म की एक प्रमुख परंपरा वैष्णववाद के प्रमुख देवताओं में से एक हैं।
त्रिमूर्ति के हिस्से के रूप में, वे ब्रह्मा (निर्माता) और शिव (संहारक) के साथ संरक्षक हैं।
- माना जाता है कि विष्णु ब्रह्मांड का निर्माण, संरक्षण और परिवर्तन करते हैं।
- उनकी पत्नी लक्ष्मी हैं, और साथ में वे प्रचुरता और समृद्धि का प्रतीक हैं।
- विष्णु के अवतार (अवतार) ब्रह्मांडीय व्यवस्था को बहाल करने और धर्म (धार्मिकता) की रक्षा करने के लिए अवतरित होते हैं।
दशावतार में दस प्राथमिक अवतार शामिल हैं, जिनमें राम और कृष्ण सबसे महत्वपूर्ण हैं।

चित्रण:

  • परोपकारी पहलुओं में, विष्णु को अक्सर सर्वज्ञ प्राणी के रूप में दर्शाया जाता है। 
  • वे क्षीर सागर नामक आदिम दूध के सागर में अपनी पत्नी लक्ष्मी के साथ तैरते हुए, शेष नाग की कुंडलियों पर विश्राम करते हैं।
  • जब भी दुनिया बुराई या अराजकता का सामना करती है, तो विष्णु संतुलन बहाल करने के लिए अवतार के रूप में अवतरित होते हैं। 
  • विष्णु नाम का अर्थ है 'सर्वव्यापी' या 'वह जो हर जगह प्रवेश करता है।'
  • वेदांग विद्वान यास्क विष्णु को 'वह जो बंधनों और बंधनों से मुक्त है' के रूप में परिभाषित करते हैं। 
विष्णु की आकर्षक कहानियों, प्रतीकों और पूजा पद्धतियों के बारे में अधिक जानने के लिए स्वतंत्र महसूस करें!

Buddha is a Vishnu Avtara 

अवतारों (अवतारों) की अवधारणा हिंदू धर्म के लिए केंद्रीय है, जबकि बौद्ध धर्म एक अलग मार्ग का अनुसरण करता है। आइए इसे देखें:
1. बुद्ध:
- सिद्धार्थ गौतम जिन्होनें बोधगया में बोधि वृक्ष के नीचे ज्ञान प्राप्त किया, ज्ञान प्राप्त करने के बाद उन्हें गौतम बुद्ध के नाम से जाना गया जिन्होनें आगे चल कर बौद्ध धर्म की नीव डाली।
- उन्होंने ध्यान और तप साधना के माध्यम से ज्ञान (निर्वाण) प्राप्त किया।
- बुद्ध की शिक्षाएँ चार आर्य सत्य और अष्टांगिक मार्ग पर जोर देती हैं।
- उनका ध्यान दुख को समाप्त करने और पुनर्जन्म के चक्र से मुक्ति प्राप्त करने पर था।

2. विष्णु अवतार:
- हिंदू धर्म में एक प्रमुख देवता विष्णु के दस प्राथमिक अवतार (दशावतार) हैं।
- ये अवतार ब्रह्मांडीय व्यवस्था को बहाल करने और धर्म (धार्मिकता) की रक्षा करने के लिए अवतरित होते हैं।
- उल्लेखनीय रूप से, बुद्ध को कुछ हिंदू परंपराओं द्वारा विष्णु का अवतार माना जाता है। 
बुद्ध अवतार को करुणा और ज्ञान के अवतार के रूप में देखा जाता है।
- यह इस विचार को दर्शाता है कि विष्णु ने मानवता का मार्गदर्शन करने के लिए बुद्ध के रूप में अवतार लिया।
संक्षेप में, जबकि बौद्ध धर्म और हिंदू धर्म सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संबंध साझा करते हैं, विष्णु अवतार के रूप में बुद्ध की भूमिका हिंदू विश्वास प्रणालियों के भीतर एक अद्वितीय दृष्टिकोण है।

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