Skip to main content

Posts

Most Popular Post

नीम करोली बाबा ने बताया बीमारियों से मुक्ति पाने का मंत्र

Neem Karoli Baba Aur Rog Mukti Vaidik Mantra प्रिय भक्तों आज हम आप सभी को ऐसे मंत्र के बारे में बताएंगे जिसका उच्चारण करके आप सभी रोगों से मुक्ति पा सकते हैं। हम सभी के जीवन में अनेकों अनेक रोग कभी न कभी आ ही जाते हैं जिनकी वजह से हम सभी का जीवन हस्त व्यस्त हो जाता है। परम पूज्य श्री नीम करोली बाबा की कृपा से और हनुमान जी के आशीर्वाद से हम सभी को बाबा जी का सानिध्य प्राप्त हुआ और बाबा जी के सानिध्य में रहकर हम सभी ने राम नाम रूपी मंत्र को जाना जिसके उच्चारण मात्र से हम सभी को प्रभु श्री राम के साथ-साथ हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है। बाबा जी के दिशा निर्देशों के अनुसार हम सभी अपने जीवन की मोह माया से मुक्ति पा सकते हैं। यूं तो जब तक जीवन है तब तक माया से मुक्ति पाना संभव नहीं हो पता परंतु गृहस्थ जीवन में रहकर भी एक सन्यासी का जीवन जीना सहज हो सकता है यदि हम ईश्वर में अपने मन को रमाने का प्रयास करें और अपने कर्म पर ध्यान दे क्योंकि गीता में भी भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि कर्म ही प्रधान है। यदि हम बिना किसी लोभ के, बिना किसी आशा के, बिना ये सोचे कि यह पुण्य है या पाप केवल ...
Recent posts

नीम करोली बाबा आश्रम उत्तराखंड

नीम करोली बाबा आश्रम उत्तराखंड नीम करोली बाबा का नाम दिन प्रतिदिन विख्यात होता जा रहा है। भक्तों का ताता बाबा के दर्शनों के लिए लगा रहता है। बाबा का आश्रम श्री कैंची धाम के नाम से उत्तराखंड में प्रसिद्ध है जिसकी प्रसिद्धि के चलते वहां पर दिन प्रति दिन लाखों श्रद्धालुओं का मेला लगा रहता है।  आज के इस लेख में हम पूज्य नीम करोली बाबा के उत्तराखंड के आश्रम के बारे में जानेंगे जहा पहुंचकर अनगिनत भक्तो की बिगड़ी सवर गयी है।  श्री कैंची धाम (बाबा नीब करोरी आश्रम) श्री नीब करोरी अर्थात नीम करोली बाबा का कैंची धाम, नैनीताल से लगभग १८ से २० किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ तक आने के लिए सभी तरह के परिवहन की सुविधा उपलब्ध रहती है।  यहाँ का सबसे पास का रेलवे स्टेशन काठगोदाम है जहा लगभग देश के कोने-कोने से आ रही ट्रेनों का जुड़ाव कही न कही होता है।  प्रकृति की गोद में स्थित श्री कैंची धाम वो दिव्य स्थान है जहा पहुंच कर भक्तो का चित बाबा की भक्ति में खो सा जाता है। प्राकृतिक पहाड़ो की गोद में हमारे बाबा जी ने इस आश्रम की स्थापना की थी जिसमे आपको बाबा के दिव्य मंदिर के...

नीम करोली बाबा ने बताया लंबी आयु पाने का मंत्र

लम्बी आयु की परिकल्पना आज हम आपको नीम करोली बाबा जी द्वारा बताये गए लम्बी आयु के मंत्र के बारें में बताएँगे। ऐसा कोई भी मनुष्य नहीं जो चिरंजीवी नहीं बनना चाहता अर्थात ऐसा भी कोई नहीं जो एक पूर्ण आयु को प्राप्त नहीं करना चाहता। हम में से हर किसी की चाहत होती है कि हमें एक स्वस्थ जीवन और एक लंबी आयु प्राप्त हो पर हमारी दिनचर्या ऐसी है कि हम चाह कर भी एक स्वस्थ जीवन को नहीं पा पते है और जब शरीर ही स्वस्थ नहीं है तो लंबी आयु की कल्पना भी नहीं की जा सकती। आज भी दुनिया के कई देश ऐसे हैं जहां 100 से अधिक वर्ष की आयु के व्यक्ति आज भी पूर्णतया स्वस्थ जीवन व्यतीत कर रहे है। इसका कारण केवल उनकी स्वस्थ जीवन शैली है।   स्वस्थ जीवन शैली स्वस्थ जीवन शैली क्या होती है इसके बारे में हम सभी को विचार करना चाहिए क्योंकि अगर हमारे अतिरिक्त कोई दूसरा प्राणी है जो एक स्वस्थ जीवन को जीकर एक लंबी आयु को प्राप्त कर सकता है तो हम क्यों नहीं प्राप्त कर सकते ?  स्वस्थ जीवन का मतलब होता है कि अपने आचार-विचार,अपने व्यवहार, अपने भोजन में सैयमित रहना अर्थात अपने शरीर को केवल उतना ही खाद्य साम...

Bhado ki parivartani ekadashi ki Mahatma katha | Bhado Vaman Ekadashi Katha

॥ अथ वामन (परिवर्तिनी ) एकादशी माहात्म्य ॥ धर्मराज युधिष्ठिर बोले कि हे भगवान् ! भादों की शुक्लपक्ष की एकादशी का नाम तथा विधि क्या है। उस एकादशी के व्रत को करने से कौन सा फल मिलता है तथा उसका उपदेश कौन सा है? सो सब कहिए। श्रीकृष्ण भगवान बोले कि हे राजश्रेष्ठ ! अब मैं अनेक पाप नष्ट करने वाली तथा अन्त में स्वर्ग देने वाली भादों की शुक्लपक्ष की वामन नाम की एकादशी की कथा कहता हूँ। इस एकादशी को जयन्ती एकादशी भी कहते हैं। इस एकादशी की कथा के सुनने मात्र से ही समस्त पापों का नाश हो जाता है। इस एकादशी के व्रत का फल वाजपेय यज्ञ के फल से भी अधिक है। इस जयंती एकादशी की कथा से नीच पापियों का उद्धार हो जाता है। यदि कोई धर्म परायण मनुष्य एकादशी के दिन मेरी पूजा करता है तो मैं उसे संसार की पूजा का फल देता हूँ। जो मनुष्य मेरी पूजा करता है उसे मेरे लोक की प्राप्ति होती है। इस में किंचित मात्र भी संदेह नहीं। जो मनुष्य इस एकादशी के दिन श्री वामन भगवान की पूजा करता है वह तीनों देवता अर्थात् ब्रह्मा, विष्णु, महेश की पूजा करता है। जो मनुष्य इस एकादशी का व्रत करते हैं उन्हें इस संसार में कुछ भी क...

Devi Saraswati: Gyan aur Kala Ki Avtar

देवी सरस्वती परिचय देवी सरस्वती, हिंदू पौराणिक कथाओं में पूजनीय हैं। वे ज्ञान, संगीत, कला, बुद्धि और शिक्षा की देवी हैं। वे लक्ष्मी और पार्वती के साथ त्रिदेवियों में से एक हैं, और अपने शांत और शुद्ध आचरण के लिए प्रसिद्ध हैं। सरस्वती को अक्सर सफेद पोशाक में दर्शाया जाता है, जो पवित्रता और ज्ञान का प्रतीक है। ऐतिहासिक महत्व सरस्वती की उत्पत्ति ऋग्वेद में देखी जा सकती है, जहाँ उनका उल्लेख नदी देवी के रूप में किया गया है। समय के साथ, उनका महत्व विकसित हुआ, और वे ज्ञान और शिक्षा की देवी बन गईं। सरस्वती नदी के साथ उनका जुड़ाव जीवन और ज्ञान के पोषण में उनकी भूमिका को उजागर करता है। प्रतीकवाद और प्रतिमा विज्ञान सरस्वती को आम तौर पर चार भुजाओं के साथ दर्शाया जाता है, जिसमें एक पुस्तक, एक माला, एक जल पात्र और एक वीणा होती है। इनमें से प्रत्येक वस्तु ज्ञान और रचनात्मकता के विभिन्न पहलुओं का प्रतीक है: पुस्तक: ज्ञान और शिक्षा का प्रतिनिधित्व करती है। माला: आध्यात्मिक ज्ञान और ध्यान का प्रतीक है। जल पात्र: पवित्रता और शुद्ध करने की शक्ति को दर्शाता है। वीणा: कला, विशेष रूप से संगीत ...

Sankat se Mukti pane ke liye Hanuman ji ka Vishesh Mantra

हम सभी जानते है कि सनातन धर्म में संकट मोचन किसे कहा जाता है। त्रेतायुग से हनुमान जी को संकटमोचन की उपाधि प्रभु श्री राम ने दी थी क्योंकि श्री राम पर आए सबसे गंभीर संकट को दूर करने वाले श्री हनुमान जी महाराज ही थे। Sankat Mochan Hanuman Mantra: ॐ नमो हनुमते बजरंगबलीं मारुतिं प्रसन्न वदनाय || रामभक्त हनुमान बलशाली पूज्य हनुमान तुर्की || हनुमान् जय जय हनुमान् हनुमान् जय जय जयकार || || मंत्र जाप विधि ||   1 स्वच्छ और शुद्ध वस्त्र धारण करें: मंत्र जप शुरू करने से पहले, स्वास्थ्य और शुद्ध वस्त्र धारण करें।   2 स्थान: एक शांति और स्वच्छ जगह पर बैठ जाएं।   3 दीया जलाओ: एक दीया जलाओ और हनुमान जी की प्रतिमा के सामने रखें।   4 मंत्र जाप: मंत्र को 108 बार, 11 माला या कम से कम 3 माला जाप करें।   5 ध्यान: मंत्र जप करते समय, हनुमान जी पर ध्यान केन्द्रित करें और उनकी भक्ति में लीन हो जाएं।   6 प्रसाद: मंत्र जप के बाद, हनुमान जी को प्रसाद चढ़ाएं। || मंत्र का महत्तव ||   1. संकट निवारण: हनुमान जी को संकट मोचन माना जाता है। इसलिए, उनका मंत्र जाप करने ...

Panch Mukhi Hanuman: ॐ नमो हरि मर्कट मर्कटाय स्वाहा का अर्थ

  Sankat Mochan Hanuman भक्ति का स्वरूप, भक्ति का ज्ञान हमें श्री हनुमान जी महाराज से सीखना चाहिए। हनुमान जी महाराज ने भक्ति के द्वारा श्री राम को प्राप्त कियाऔर श्री राम के वरदान स्वरुप समस्त संसार में हनुमान जी की आराधना, उनकी जय जयकार और उनकी प्रतिष्ठा संपन्न हो सकी।  शास्त्रों की माने तो हनुमान जी महाराज भगवान शिव अर्थात महा रूद्र के 11 में रुद्र अवतार हैं और उन्हें शिव स्वरूप भी माना जाता है अर्थात हनुमान जी महाराज स्वयं महादेव के ही अवतार हैं। अतः जब कोई संकट किसी भी प्राणी को महसूस होता है तो वह संकट से छुटकारा पाने के लिए अपनी श्री हनुमान जी महाराज की शरण लेता है और उनसे उस संकट को दूर करने की प्रार्थना करता है। हनुमान जी महाराज अत्यंत ही दयालु हैं। वह अपने शरणागत की रक्षा अवश्य करते हैं। हम सभी को उनके दिव्य मंत्रो के द्वारा उनको प्रसन्न करके उनसे अपनी रक्षा की प्रार्थना करनी चाहिए।   हनुमान जी के भक्तों के द्वारा हनुमान जी को अनेको नाम से संबोधित किया जाता है।  वीर हनुमान, राम भक्त, शिव अवतार, मारुति नंदन, महावीर ये सभी नाम भजरंग बलि के ही है पर इन सभी...

Dharma muneeswaran temple in hindi

सनातन धर्म में त्रिदेवों का विशेष महत्व है। भगवान शिव को हम सभी देवों के देव महादेव के नाम से भी जानते हैं। पुराणों में महादेव का स्वरुप मनमोहक बताया गया है। महादेव सदाशिव के नाम से समस्त संसार में पूछे जाते हैं और इसीलिए भगवान शिव को समर्पित अनगिनत मंदिर सिर्फ भारत में ही नहीं अपितु समस्त संसार में पाए जाते हैं। आज हम उन्ही मंदिरों में से एक श्री धर्म मुनीश्वरन मंदिर की बात करेंगे जिनको भारत के बाहर रहने वाले भारतीय पूर्ण श्रद्धा और आस्था के साथ पूछते हैं। इस मंदिर की विशेषता के बारे में आप सबको अवगत कराएंगे। यह मंदिर भारत में नहीं है पर कहां है इस जानकारी के लिए संपूर्ण लेख को ध्यानपूर्वक पढ़िए। Dharma muneeswaran temple in hindi  श्री धर्म मुनीश्वरन मंदिर सिंगापुर में 17 सेरांगून नॉर्थ एवेन्यू 1 में स्थित एक हिंदू मंदिर है। यह शिव के एक रूप धर्म मुनीश्वरन को समर्पित है। यह मंदिर एक सदी से भी ज़्यादा समय से मौजूद है, जिसकी शुरुआत 1900 में एक बोधि वृक्ष के नीचे एक मंदिर के रूप में हुई थी। 1930 के दशक में, क्षेत्र के कई निवासियों ने भगवान धर्म मुनीश्वरन के दर्शन का अनुभव किया...

क्या बुद्ध विष्णु के अवतार है?

Is-Buddha-an-avtaram-of-Vishnu समय-समय पर यह प्रश्न उठाया जाता रहा है कि भगवान बुद्ध भगवन विष्णु के अवतार थे या नहीं। इस संदर्भ मेंआनेको कथाएं सामने आती हैं जिनमें कुछ कथाओं में लोगों का विश्वास है और कुछ कथाओं को लोग मिथ्या मानते हैं। आज हम यह समझने का प्रयास करेंगे कि क्या वास्तव में भगवान बुद्ध भगवान विष्णु के अवतार हैं या फिर यह सब एक मिथ्या प्रचार है।  गौतम बुद्धा या विष्णु  हाँ , हिंदू धर्म में, गौतम बुद्ध को विष्णु के दस प्रमुख अवतारों में से नौवां अवतार माना जाता है। यह विचार वैष्णव परंपरा में विशेष रूप से प्रचलित है, जहाँ विष्णु को रक्षक और संतुलनकारी देवता के रूप में देखा जाता है। हालांकि, यह विचार सभी हिन्दू सम्प्रदायों द्वारा स्वीकार नहीं किया जाता है। कुछ सम्प्रदायों में, बुद्ध को एक महान शिक्षक और ज्ञानी व्यक्ति के रूप में सम्मानित किया जाता है, लेकिन उन्हें विष्णु का अवतार नहीं माना जाता है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि हिंदू धर्म में विभिन्न सम्प्रदायों और विचारों की एक विस्तृत श्रृंखला मौजूद है, और बुद्ध की भूमिका और महत्व को लेकर विभिन्न दृष्टिकोण मौजूद है...