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कैंची धाम में नीम करोली बाबा की दिव्य उपस्थिति: अनुभव और चमत्कार

कैंची धाम: जहाँ आज भी महसूस होती है नीम करोली बाबा की दिव्य उपस्थिति और चमत्कार नीम करोली बाबा , जिन्हें उनके अनुयायी श्रद्धापूर्वक महाराज जी कहते हैं, भारत के एक ऐसे महान संत थे जिन्होंने अपनी सादगी, निःस्वार्थ प्रेम और चमत्कारी शक्तियों से लाखों लोगों के जीवन को छुआ। उनका आश्रम श्री कैंची धाम , उत्तराखंड के नैनीताल जिले में, आज भी एक ऐसी पवित्र भूमि है जहाँ उनकी दिव्य उपस्थिति हर क्षण महसूस की जाती है। यह स्थान सिर्फ एक मंदिर नहीं, बल्कि एक जीवंत ऊर्जा केंद्र है, जहाँ आने वाले प्रत्येक भक्त को आंतरिक शांति (Inner Peace) और जीवन में संतुलन प्राप्त होता है। आइए, इस पावन धाम की महिमा, बाबा की उपस्थिति के अनुभवों और उनके चमत्कारों पर गहराई से प्रकाश डालें। कैंची धाम: आस्था और चमत्कार का संगम स्थल कैंची धाम की स्थापना 1964 में नीम करोली बाबा ने की थी। यह नाम यहाँ की दो घुमावदार पर्वत श्रृंखलाओं के कारण पड़ा, जो कैंची (Scissors) के आकार की दिखती हैं। बाबा ने इस शांत और सुरम्य स्थान को अपनी साधना और भक्तों के लिए चुना। कैंची धाम की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यहाँ आने वाले हर...
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नीम करौली बाबा: एक दिव्य यात्रा, जहाँ चमत्कारों से मिलती है आत्मा को शांति

नीम करौली बाबा:एक दिव्य यात्रा भारत की पवित्र भूमि पर एक ऐसा संत जन्मा, जिनका नाम सुनते ही हृदय श्रद्धा से भर उठता है—नीम करौली बाबा। वे केवल एक संत नहीं थे, बल्कि एक जीवित चमत्कार थे, जिनकी उपस्थिति मात्र से लोगों के जीवन बदल जाते थे। उनके जीवन की कहानियाँ आज भी हवा में गूंजती हैं, जैसे कोई मंत्र जो आत्मा को सुकून देता है। यह लेख आपको उस रहस्यमयी यात्रा पर ले चलता है, जहाँ हर मोड़ पर चमत्कार है, हर शब्द में दर्शन है, और हर स्पर्श में प्रेम है। यह सिर्फ एक संत की कहानी नहीं है, यह उस प्रेम की कहानी है जो सीमाओं से परे है, उस सेवा की कहानी है जो निःस्वार्थ है, और उस भक्ति की कहानी है जो आत्मा को ईश्वर से जोड़ देती है। 🌿 एक साधारण जीवन, असाधारण प्रभाव 1900 में उत्तर प्रदेश के अकबरपुर गाँव में जन्मे लक्ष्मी नारायण शर्मा ने सांसारिक जीवन को त्यागकर नीम करौली बाबा के रूप में एक नई पहचान बनाई। उन्होंने कभी दिखावा नहीं किया—बस एक साधारण चादर ओढ़े, मौन में बैठे रहते थे। लेकिन उनके मौन में भी एक ऐसी शक्ति थी, जो लोगों के भीतर की बेचैनी को शांत कर देती थी। उनका कैंची धाम आश्रम आज भ...

Bhandara: 15 June Aur Neem Karoli Baba

15 जून और कैंची धाम का भंडारा  15 जून १९६४ हम सभी के हृदय में धर्म स्थापना दिवस के रूप में सदैव के लिए यादगार बना हुआ है क्योंकि यह वही तारीख है जब परम पूज्य श्री नीम करोली बाबा जी ने श्री कैंची धाम में अपना आश्रय स्थल अपने आश्रम के रूप में बनाया था। आज उनके आश्रम को हम सभी भक्त अपना आश्रय स्थल मानते हैं और लाखों की संख्या से बढ़कर करोडो की संख्या में भक्त उनसे आशीर्वाद प्राप्त करने की इच्छा से श्री कैंची धाम आते रहते है। बाबा किसी पहचान के मोहताज नहीं थे। नीम करोली बाबा के भक्त उनके आशीर्वाद से कभी दूर नहीं रहते अपितु हमेशा बाबा की कृपा अपने भक्तों पर बानी ही रहती है।  बाबा अपने भक्तो से एक बात सदैव कहते थे की "जब तुम मुझे बुलाओगे तब मैं तेरे पास ही रहूंगा" इस बात का भरोसा और विश्वास तुझे रखना होगा क्योंकि तेरा विश्वास और तेरा भरोसा जीतना अटल रहेगा उतनी ही शीघ्र  तुम तक पहुँचेगी। बाबा के भक्तो का विश्वास  बाबा का मानना था कि अगर शरण में जाना ही है हनुमान जी की शरण में जाओ क्योकि श्री राम के दर्शन उनकी इच्छा से होते हैं और श्री राम की कृपा भी उन्हीं की कृ...

नीम करोली बाबा आश्रम उत्तराखंड

नीम करोली बाबा आश्रम उत्तराखंड नीम करोली बाबा का नाम दिन प्रतिदिन विख्यात होता जा रहा है। भक्तों का ताता बाबा के दर्शनों के लिए लगा रहता है। बाबा का आश्रम श्री कैंची धाम के नाम से उत्तराखंड में प्रसिद्ध है जिसकी प्रसिद्धि के चलते वहां पर दिन प्रति दिन लाखों श्रद्धालुओं का मेला लगा रहता है।  आज के इस लेख में हम पूज्य नीम करोली बाबा के उत्तराखंड के आश्रम के बारे में जानेंगे जहा पहुंचकर अनगिनत भक्तो की बिगड़ी सवर गयी है।  श्री कैंची धाम (बाबा नीब करोरी आश्रम) श्री नीब करोरी अर्थात नीम करोली बाबा का कैंची धाम, नैनीताल से लगभग १८ से २० किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहाँ तक आने के लिए सभी तरह के परिवहन की सुविधा उपलब्ध रहती है।  यहाँ का सबसे पास का रेलवे स्टेशन काठगोदाम है जहा लगभग देश के कोने-कोने से आ रही ट्रेनों का जुड़ाव कही न कही होता है।  प्रकृति की गोद में स्थित श्री कैंची धाम वो दिव्य स्थान है जहा पहुंच कर भक्तो का चित बाबा की भक्ति में खो सा जाता है। प्राकृतिक पहाड़ो की गोद में हमारे बाबा जी ने इस आश्रम की स्थापना की थी जिसमे आपको बाबा के दिव्य मंदिर के...

नीम करोली बाबा ने बताया लंबी आयु पाने का मंत्र

लम्बी आयु की परिकल्पना आज हम आपको नीम करोली बाबा जी द्वारा बताये गए लम्बी आयु के मंत्र के बारें में बताएँगे। ऐसा कोई भी मनुष्य नहीं जो चिरंजीवी नहीं बनना चाहता अर्थात ऐसा भी कोई नहीं जो एक पूर्ण आयु को प्राप्त नहीं करना चाहता। हम में से हर किसी की चाहत होती है कि हमें एक स्वस्थ जीवन और एक लंबी आयु प्राप्त हो पर हमारी दिनचर्या ऐसी है कि हम चाह कर भी एक स्वस्थ जीवन को नहीं पा पते है और जब शरीर ही स्वस्थ नहीं है तो लंबी आयु की कल्पना भी नहीं की जा सकती। आज भी दुनिया के कई देश ऐसे हैं जहां 100 से अधिक वर्ष की आयु के व्यक्ति आज भी पूर्णतया स्वस्थ जीवन व्यतीत कर रहे है। इसका कारण केवल उनकी स्वस्थ जीवन शैली है।   स्वस्थ जीवन शैली स्वस्थ जीवन शैली क्या होती है इसके बारे में हम सभी को विचार करना चाहिए क्योंकि अगर हमारे अतिरिक्त कोई दूसरा प्राणी है जो एक स्वस्थ जीवन को जीकर एक लंबी आयु को प्राप्त कर सकता है तो हम क्यों नहीं प्राप्त कर सकते ?  स्वस्थ जीवन का मतलब होता है कि अपने आचार-विचार,अपने व्यवहार, अपने भोजन में सैयमित रहना अर्थात अपने शरीर को केवल उतना ही खाद्य साम...

नीम करोली बाबा ने बताया बीमारियों से मुक्ति पाने का मंत्र

Neem Karoli Baba Aur Rog Mukti Vaidik Mantra प्रिय भक्तों आज हम आप सभी को ऐसे मंत्र के बारे में बताएंगे जिसका उच्चारण करके आप सभी रोगों से मुक्ति पा सकते हैं। हम सभी के जीवन में अनेकों अनेक रोग कभी न कभी आ ही जाते हैं जिनकी वजह से हम सभी का जीवन हस्त व्यस्त हो जाता है। परम पूज्य श्री नीम करोली बाबा की कृपा से और हनुमान जी के आशीर्वाद से हम सभी को बाबा जी का सानिध्य प्राप्त हुआ और बाबा जी के सानिध्य में रहकर हम सभी ने राम नाम रूपी मंत्र को जाना जिसके उच्चारण मात्र से हम सभी को प्रभु श्री राम के साथ-साथ हनुमान जी की कृपा प्राप्त होती है। बाबा जी के दिशा निर्देशों के अनुसार हम सभी अपने जीवन की मोह माया से मुक्ति पा सकते हैं। यूं तो जब तक जीवन है तब तक माया से मुक्ति पाना संभव नहीं हो पता परंतु गृहस्थ जीवन में रहकर भी एक सन्यासी का जीवन जीना सहज हो सकता है यदि हम ईश्वर में अपने मन को रमाने का प्रयास करें और अपने कर्म पर ध्यान दे क्योंकि गीता में भी भगवान श्री कृष्ण कहते हैं कि कर्म ही प्रधान है। यदि हम बिना किसी लोभ के, बिना किसी आशा के, बिना ये सोचे कि यह पुण्य है या पाप केवल ...