Neem Karoli Guru Purnima | नीम करोली गुरु पूर्णिमा |

नीम करोली गुरु पूर्णिमा -कैंची धाम 
सर्व प्रथम आप सभी को गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभ कामनाएं।  परम गुरुदेव श्री नीम करोली बाबा जी का आशीर्वाद आप सभी को निरंतर प्राप्त होता रहे बस इसी कामना के साथ हम सब आज के इस पावन पर्व को मनाएंगे। 
सनातन धर्म में गुरु का महत्त्व तो भगवान् से भी अधिक बताया गया है शायद इसी लिए संत कबीर दस जी ने भी लिखा था की "गुरु गोविन्द दोउ खड़े काके लागू पाय , बलिहारी गुरु आपने गोविन्द दियो बताये। "
केवल गुरु ही वो साधन है जो हमें भगवान् के दर्शन करवा सकता है पर गुरु योग्य होना चाहिए और भक्त में भक्ति प्रबल होनी चाहिए। 
हर वर्ष आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है| गुरु पूर्णिमा को गुरु की पूजा की जाती है| भारत वर्ष में यह पर्व बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है| 
Neem Karoli Guru Purnima
नीम करोली बाबा ने अपने सभी भक्तो को सम्पूर्ण जीवनकाल में असीमित प्रेम और करुणा दी और आज भी बाबा के समाधिस्त होने के बाद भी बाबा के भक्तो और उनके शिष्यों पर परम गुरुदेव नीम करोली बाबा की कृपा का वरदहस्त निरंतर बना हुवा है। 
गुरु पूर्णिमा का महत्‍व क्या है ?
गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु की पूजा पूर्ण श्रद्धा के साथ करने का विधान है।  दरअसल, गुरु की पूजा इसलिए भी जरूरी है क्‍योंकि उनकी कृपा से व्‍यक्ति कुछ भी हासिल कर सकता है। गुरु की महिमा अपरंपार है।गुरु वो पारस मणि है जो लोहे और कंकड़ को भी खरा सोना बना देती है। गुरु के बिना ज्ञान की प्राप्‍ति नहीं हो सकती। पुराने समय में गुरुकुल में रहने वाले विद्यार्थी गुरु पूर्णिमा के दिन विशेष रूप से अपने गुरु की पूजा-अर्चना करते थे। गुरु पूर्णिमा वर्षा ऋतु में आती है अतः इस मौसम को काफी अच्‍छा माना जाता है क्योकि इस दौरान न ज्‍यादा सर्दी होती है और न ही ज्‍यादा गर्मी।  इस मौसम को अध्‍ययन के लिए उपयुक्‍त माना गया है।  यही वजह है कि गुरु पूर्णिमा से लेकर अगले चार महीनों तक साधु-संत विचार-विमर्श करते हुए ज्ञान की बातें करते हैं।  इस दिन केवल गुरु की ही नहीं, बल्‍कि घर में अपने से जो भी बड़ा है यानी कि माता-पिता, भाई-बहन, सास-ससुर को गुरुतुल्य समझ कर उनसे आशीर्वाद लेना चाहिए। जो भी हमसे बड़ा हो उसमे हम सभी को बाबा के दर्शन कर उनसे आशीर्वाद लेना चाहिए।
नीम करोली गुरुदेव की जय हो 
कैंची धाम की जय हो। 
"गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः । गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ॥"
आप सभी से अनुरोध है की जितना हो सके इस पोस्ट को शेयर करें और बाबा के नाम की अलख को जगाये रखे। जय श्री राम। जय श्री हनुमान। 

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