Skip to main content

Most Popular Post

शुक्रवार का देवता कौन है? शुक्रवार का मंत्र क्या है?

शुक्रवार का दिन देवी महालक्ष्मी और शुक्र देव का दिन माना जाता है। शुक्रवार को मां लक्ष्मी की पूजा करने से जीवन में सुख-सुविधा की कमी नहीं रहती। साथ ही, शुक्र ग्रह की शुभता से सौंदर्य में निखार, ऐश्वर्य, कीर्ति और धन-दौलत प्राप्त होती है। Shukrawar ( Friday) Ka Devta शुक्रवार को मां संतोषी की पूजा और व्रत भी किया जाता है। हिंदू मान्यताओं के मुताबिक, मां संतोषी को भगवान श्री गणेश की पुत्री माना जाता है। मान्यता है कि मां संतोषी की पूजा करने से साधक के जीवन में आ रही तमाम तरह की समस्याएं दूर होती हैं और उसे सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है। साथ ही, जिन्हें संतान सुख प्राप्त नहीं हो पा रहा वो संतान प्राप्ति के लिए इस व्रत को करते हैं। शुक्रवार को वैभव लक्ष्मी व्रत भी रखा जाता है. हिंदू मान्यताओं के मुताबिक, माता वैभव लक्ष्मी से सुख-समृद्धि और धन-धान्य का आशीर्वाद पाने के लिए शुक्रवार का व्रत सबसे उत्तम उपाय है।  शुक्रवार का नाम शुक्र देवता के नाम पर ही पड़ा है। नॉर्स पौराणिक कथाओं में फ्रिग ओडिन की पत्नी हैं। उन्हें विवाह की देवी माना जाता था। शुक्रवार को किसका व्रत करना चाहिए?

Neem Karoli Guru Purnima | नीम करोली गुरु पूर्णिमा |

नीम करोली गुरु पूर्णिमा -कैंची धाम 
सर्व प्रथम आप सभी को गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभ कामनाएं।  परम गुरुदेव श्री नीम करोली बाबा जी का आशीर्वाद आप सभी को निरंतर प्राप्त होता रहे बस इसी कामना के साथ हम सब आज के इस पावन पर्व को मनाएंगे। 
सनातन धर्म में गुरु का महत्त्व तो भगवान् से भी अधिक बताया गया है शायद इसी लिए संत कबीर दस जी ने भी लिखा था की "गुरु गोविन्द दोउ खड़े काके लागू पाय , बलिहारी गुरु आपने गोविन्द दियो बताये। "
केवल गुरु ही वो साधन है जो हमें भगवान् के दर्शन करवा सकता है पर गुरु योग्य होना चाहिए और भक्त में भक्ति प्रबल होनी चाहिए। 
हर वर्ष आषाढ़ मास की पूर्णिमा को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जाता है| गुरु पूर्णिमा को गुरु की पूजा की जाती है| भारत वर्ष में यह पर्व बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है| 
Neem Karoli Guru Purnima
नीम करोली बाबा ने अपने सभी भक्तो को सम्पूर्ण जीवनकाल में असीमित प्रेम और करुणा दी और आज भी बाबा के समाधिस्त होने के बाद भी बाबा के भक्तो और उनके शिष्यों पर परम गुरुदेव नीम करोली बाबा की कृपा का वरदहस्त निरंतर बना हुवा है। 
गुरु पूर्णिमा का महत्‍व क्या है ?
गुरु पूर्णिमा के दिन गुरु की पूजा पूर्ण श्रद्धा के साथ करने का विधान है।  दरअसल, गुरु की पूजा इसलिए भी जरूरी है क्‍योंकि उनकी कृपा से व्‍यक्ति कुछ भी हासिल कर सकता है। गुरु की महिमा अपरंपार है।गुरु वो पारस मणि है जो लोहे और कंकड़ को भी खरा सोना बना देती है। गुरु के बिना ज्ञान की प्राप्‍ति नहीं हो सकती। पुराने समय में गुरुकुल में रहने वाले विद्यार्थी गुरु पूर्णिमा के दिन विशेष रूप से अपने गुरु की पूजा-अर्चना करते थे। गुरु पूर्णिमा वर्षा ऋतु में आती है अतः इस मौसम को काफी अच्‍छा माना जाता है क्योकि इस दौरान न ज्‍यादा सर्दी होती है और न ही ज्‍यादा गर्मी।  इस मौसम को अध्‍ययन के लिए उपयुक्‍त माना गया है।  यही वजह है कि गुरु पूर्णिमा से लेकर अगले चार महीनों तक साधु-संत विचार-विमर्श करते हुए ज्ञान की बातें करते हैं।  इस दिन केवल गुरु की ही नहीं, बल्‍कि घर में अपने से जो भी बड़ा है यानी कि माता-पिता, भाई-बहन, सास-ससुर को गुरुतुल्य समझ कर उनसे आशीर्वाद लेना चाहिए। जो भी हमसे बड़ा हो उसमे हम सभी को बाबा के दर्शन कर उनसे आशीर्वाद लेना चाहिए।
नीम करोली गुरुदेव की जय हो 
कैंची धाम की जय हो। 
"गुरुर्ब्रह्मा ग्रुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः । गुरुः साक्षात् परं ब्रह्म तस्मै श्री गुरवे नमः ॥"
आप सभी से अनुरोध है की जितना हो सके इस पोस्ट को शेयर करें और बाबा के नाम की अलख को जगाये रखे। जय श्री राम। जय श्री हनुमान। 

Comments

Popular posts from this blog

Vishnu Sahasranamam Stotram With Hindi Lyrics

Vishnu Sahasranamam Stotram Mahima ॐ  नमो भगवते वासुदेवाय नमः  प्रिय भक्तों विष्णु सहस्त्रनाम भगवान श्री हरि विष्णु अर्थात भगवान नारायण के 1000 नामों की वह श्रृंखला है जिसे जपने मात्र से मानव के समस्त दुख और कष्ट दूर हो जाते हैं और भगवान विष्णु की अगाध कृपा प्राप्त होती है।  विष्णु सहस्त्रनाम का जाप करने में कोई ज्यादा नियम विधि नहीं है परंतु मन में श्रद्धा और विश्वास अटूट होना चाहिए। भगवान की पूजा करने का एक विधान है कि आपके पास पूजन की सामग्री हो या ना हो पर मन में अपने इष्ट के प्रति अगाध विश्वास और श्रद्धा अवश्य होनी चाहिए।  ठीक उसी प्रकार विष्णु सहस्रनाम का पाठ करते समय आपके हृदय में भगवान श्री विष्णु अर्थात नारायण के प्रति पूर्ण प्रेम श्रद्धा विश्वास और समर्पण भाव का होना अति आवश्यक है। जिस प्रकार की मनो स्थिति में होकर आप विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करेंगे उसी मनो स्तिथि में भगवान विष्णु आपकी पूजा को स्वीकार करके आपके ऊपर अपनी कृपा प्रदान करेंगे।    भगवान विष्णु के सहस्त्र नामों का पाठ करने की महिमा अगाध है। श्रीहरि भगवान विष्णु के 1000 नामों (Vishnu 1000 Names)के स्मरण मात्र से मनु

हनुमान वडवानल स्रोत महिमा - श्री कैंची धाम | Hanuman Vadvanal Stotra Mahima - Shri Kainchi Dham

हनुमान वडवानल स्रोत महिमा - श्री कैंची धाम | Hanuman Vadvanal Stotra Mahima - Shri Kainchi Dham   श्री हनुमान वडवानल स्तोत्र की रचना त्रेतायुग में लंका अधिपति रावण के छोटे भाई विभीषण जी ने की थी। त्रेतायुग से आज तक ये मंत्र अपनी सिद्धता का प्रमाण पग-पग पे देता आ रहा है।  श्री हनुमान वडवानल स्तोत्र के जाप से बड़ी से बड़ी समस्या भी टल जाती है। श्री हनुमान वडवानल स्रोत का प्रयोग अत्यधिक बड़ी समस्या होने पर ही किया जाता है। इसके जाप से बड़ी से बड़ी समस्या भी टल जाती है और सब संकट नष्ट होकर सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।  श्री हनुमान वडवानल स्तोत्र के प्रयोग से शत्रुओं द्वारा किए गए पीड़ा कारक कृत्य अभिचार, तंत्र-मंत्र, बंधन, मारण प्रयोग आदि शांत होते हैं और समस्त प्रकार की बाधाएं समाप्त होती हैं। पाठ करने की विधि शनिवार के दिन शुभ मुहूर्त में इस प्रयोग को आरंभ करें। सुबह स्नान-ध्यान आदि से निवृत्त होकर हनुमानजी की पूजा करें, उन्हें फूल-माला, प्रसाद, जनेऊ आदि अर्पित करें। इसके बाद सरसों के तेल का दीपक जलाकर लगातार 41 दिनों तक 108 बार पाठ करें।

Bajrang Baan Chaupai With Hindi Lyrics

बजरंग बाण की शक्ति: इसके अर्थ और लाभ के लिए एक मार्गदर्शिका क्या आप बजरंग बाण और उसके महत्व के बारे में जानने को उत्सुक हैं? यह व्यापक मार्गदर्शिका आपको इस शक्तिशाली प्रार्थना के पीछे के गहन अर्थ की गहरी समझ प्रदान करेगी। बजरंग बाण का पाठ करने के अविश्वसनीय लाभों की खोज करें और अपने भीतर छिपी शक्ति को उजागर करें। बजरंग बाण को समझना: भगवान हनुमान को समर्पित एक शक्तिशाली हिंदू प्रार्थना, बजरंग बाण की उत्पत्ति और महत्व के बारे में जानें। बजरंग बाण हिंदू धर्म में पूजनीय देवता भगवान हनुमान को समर्पित एक पवित्र प्रार्थना है। यह प्रार्थना अत्यधिक महत्व रखती है और माना जाता है कि इसमें उन लोगों की रक्षा करने और आशीर्वाद देने की शक्ति है जो इसे भक्तिपूर्वक पढ़ते हैं। इस गाइड में, हम बजरंग बाण की उत्पत्ति के बारे में गहराई से जानेंगे और इसके गहरे आध्यात्मिक अर्थ का पता लगाएंगे। इस प्रार्थना के सार को समझकर, आप इसके अविश्वसनीय लाभों का लाभ उठा सकते हैं और इसमें मौजूद परिवर्तनकारी शक्ति का अनुभव कर सकते हैं। बजरंग बाण का पाठ: अधिकतम प्रभावशीलता और आध्यात्मिक लाभ के लिए बजरंग बाण का ज