प्रकृति की गोद में एक ऐसा पवित्र आश्रम जिसके अंदर एक ऐसे दिव्य संत ने कदम रक्खा जिसकी छांव में आने के पश्चात मानव जाति का कल्याण तो होना निहित ही था। वह एक ऐसी दिव्य विभूति थे जिनका आगमन मानो जन कल्याण हेतु ही हुआ था। उन परम पूज्य, भगवत स्वरूप, दिव्य संत का नाम श्री नीम करोली बाबा जी था जिन्होंने नैनीताल के निकट कैंची धाम नामक स्थान पर श्री कैंची धाम आश्रम की स्थापना कीऔर श्री राम नाम रूपी मंत्र की शक्ति का निरंतर प्रचार और प्रचार करते रहे जिसके परिणाम स्वरुप वहां से हनुमत भक्ति धारा बहने लगी।
कम्बल वाले बाबा नीम करोली बाबा | Kambal wale baba Neem Karoli Baba
यूं तो बाबा को उनके भक्तो ने अनेकों नाम दिए पर उं नामो में नीम करोली नाम सबसे अधिक प्रसिद्ध हुआ। बाबा को लगभग उनके सभी विदेशी भक्त नीम करोली बाबा के नाम से जानते थे। कुछ स्थानो में नीम करोली बाबा को कम्बल वाले बाबा के नाम से भी जाना जाता था ।
कम्बल वाले बाबा का चमत्कार - नीम करोली बाबा की कृपा का अंत नहीं था । भक्तो की आस्था का आदर करते हुवे वो कभी भी अपने कम्बल से किसी वस्तु को उत्पन्न कर देते तो कभी किसी रोगी को अपना कम्बल उढा कर उसके रोग को दूर कर देते थे।
जब नन्दलाल जी घी के पैसे लेने आये तो बाबा ने कम्बल के अन्दर हाथ डालकर 1100 रुपये निकाल कर उन्हें दिये । डा. भोंसले की क्षुधा पूर्ति के लिये कम्बल के अन्दर से भोजन की थाली प्रकट कर दी । एक बार कलाकन्द कम्बल से निकाल कर बाबा ने केहर सिंह जी को खिलाया और उनका ज्वर शांत हो गया , काली कम्बली वाले बाबा बस अपने कम्बल से ही लोगों का भला करते रहते । आज भी बाबा के समाधिस्थ होने के बाद भी महाराजजी की कृपा किसी ना किसी रूप में उनके भक्तो द्वारा अनुभव की जा रही है।
सारांश
सारांश स्वरूप आज कि घटना से हमें यह प्रेरणा मिलती है की बाबा चमत्कारी शक्तियों के स्वामी थे। बाबा अंतर्यामी थे। बाबा दिव्य विभूति थे। बाबा स्वयं साक्षात ईश्वर का ही स्वरूप थेऔर अपने भक्तों पर कृपा बनाए रखने के लिए अपने भक्तों के कष्टों को दूर करने के लिए समय-समय पर अपने जादुई कंबल से अपनी करुणा की धारा को वे सदैव बहते रहते हे और आज भी उनके समाधिस होने के पश्चात भी अनगिनत भक्त बाबा की समाधि के दर्शन करने उनके आश्रम पहुंचते हैं। कैंची धाम में बाबा के समाधिस्थ होने के पश्चात भी आज भक्तों का ताता लगा रहता है और भक्त बाबा की कृपा आज भी पूर्ववत ही प्राप्त कर रहे हैं।
जय श्री नीम करोली बाबा की
जय श्री कैंची धाम की
आलौकिक यथार्थ
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