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वेद क्या है? वेदों के प्रकार और महत्व क्या है?

वेद, विश्व के सबसे पुराने लिखित धार्मिक दार्शनिक ग्रंथ हैं। वेद शब्द संस्कृत भाषा के 'विद' शब्द से बना है, जिसका मतलब है 'ज्ञान'। वेद, वैदिक साहित्य में सबसे महत्वपूर्ण हैं। 1500 और 500 ईसा पूर्व के बीच वैदिक संस्कृत में रचित, वेद हिंदू धर्म के सबसे पुराने ग्रंथ हैं।  वेद क्या है ? वेद चार हैं: ऋग्वेद, यजुर्वेद, सामवेद, अथर्ववेद।  वेदों में देवता, ब्रह्मांड, ज्योतिष, गणित, औषधि, विज्ञान, भूगोल, धर्म, संगीत, रीति-रिवाज आदि जैसे कई विषयों का ज्ञान वर्णित है। वेद इसलिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसे किसी मनुष्य द्वारा नहीं बल्कि ईश्वर द्वारा ऋषियों को सुने ज्ञान के आधार पर लिखा गया है. इसलिए भी वेद को 'श्रुति' कहा जाता है।  वेदों को चार प्रमुख ग्रंथों में विभाजित किया गया है और इसमें भजन, पौराणिक वृत्तांत, प्रार्थनाएं, कविताएं और सूत्र शामिल हैं। वेदों के समग्र भाग को मन्त्रसंहिता, ब्राह्मण, आरण्यक, उपनिषद के रूप में भी जाना जाता है। इनमें प्रयुक्त भाषा वैदिक संस्कृत कहलाती है जो लौकिक संस्कृत से कुछ अलग है। वेदों के संपूर्ण ज्ञान को महर्षि कृष्ण द्वैपाय

अयोध्या राम मंदिर के उद्घाटन और इतिहास की सम्पूर्ण जानकारी

अयोध्या में बन रहा राम मंदिर एक महत्वपूर्ण हिंदू मंदिर है। जनवरी 2024 में इसका गर्भगृह और पहला तल बनकर तैयार हो गया है। 22 जनवरी 2024 को इसमें श्रीराम की मूर्ति की प्राणप्रतिष्ठा की जाएगी।

अयोध्या राम जन्म भूमि

रामायण के मुताबिक, अयोध्या में सरयू नदी के किनारे राम का जन्म हुआ था। रामायण और महाभारत में अयोध्या को राम और दशरथ सहित कोसल के इक्ष्वाकु राजवंश की राजधानी बताया गया है। अयोध्या की स्थापना मानव जाति के पूर्वज मनु ने की थी। 
राम मंदिर के उद्घाटन पर अयोध्या में देशभर से करीब 3 से 5 लाख श्रद्धालुओं के पहुंचने की उम्मीद है। पहले ही हफ़्ते में लगभग एक लाख श्रद्धालुओं के अयोध्या पहुंचने का अनुमान है।

अयोध्या में घूमने के लिए कुछ और जगहें:

नागेश्वर नाथ मंदिर
देवकाली
राम की पैड़ी
जैन श्वेताम्बर मंदिर
गुलाब बाड़ी
कनक भवन
हनुमान गढ़ी
बिरला मंदिर

अयोध्या में राम मंदिर का भूमि पूजन कब हुआ?

राम मंदिर के निर्माण की शुरुआत के लिए भूमिपूजन 5 अगस्त 2020 को किया गया था। वर्तमान में निर्माणाधीन मंदिर की देखरेख श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा की जा रही है। मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी 2024 को निर्धारित है।

राम मंदिर का उद्घाटन कितने बजे है?

अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी, 2024 को दोपहर 12:20 बजे होगा। प्राण प्रतिष्ठा समारोह 17 जनवरी, 2024 को शुरू हुआ था और 22 जनवरी, 2024 को खत्म होगा।
श्रद्धालु सुबह 7 बजे से 11:30 बजे तक और दोपहर 2 बजे से शाम 7 बजे तक मंदिर में दर्शन कर सकेंगे। श्रृंगार आरती सुबह 6:30 बजे से शुरू होती है।
प्राण प्रतिष्ठा दोपहर 12:20 बजे शुरू होगी और 1 बजे तक पूरी हो जाएगी। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, डॉ. मोहन भागवत, और मुख्यमंत्री अपने विचार रखेंगे। नृत्यगोपाल दास अपना आशीर्वाद देंगे।
पूरे समारोह का सीधा प्रसारण डीडी न्यूज़ पर किया जाएगा। अंतरराष्ट्रीय दर्शक इसे दूरदर्शन नेशनल के यूट्यूब चैनल पर देख सकते हैं।

राम मंदिर अयोध्या हिस्ट्री

राम मंदिर की नींव साल 1989 में रखी गई थी। राम मंदिर से जुड़ी कुछ ज़रूरी बातें:
रामायण के मुताबिक, राम का जन्म अयोध्या में हुआ था।
16वीं सदी में, बाबर ने मंदिरों पर हमला किया और उन्हें नष्ट कर दिया।
बाद में, मुगलों ने बाबरी मस्जिद का निर्माण किया।
1950 में, राम मंदिर की लड़ाई फिर अदालत पहुंची।
5 अगस्त 2020 को मंदिर का भूमिपूजन हुआ।
2024 में गर्भगृह बनकर तैयार है।
पौराणिक कथाओं के मुताबिक, भगवान राम के जल समाधि लेने के बाद और महाभारत युद्ध के बाद अयोध्या उजाड़ हो गई थी. फिर से बसने के बाद भी, राम जन्म भूमि और यहां बने मंदिर पर कई बार हमले हुए।

राम मंदिर से जुड़ी कुछ और बातें:

राम जन्मभूमि पर पहले भी श्री राम का मंदिर था।
मस्जिद से पहले भी यहां पर मंदिर था और मस्जिद बनने के बाद भी यहां मंदिर था।
मस्जिद के टूटने के बाद भी यहां मंदिर था।
1528-29 में बाबर के सिपहसालार ने बाबरी मस्जिद बनवाई थी।

अयोध्या राम मंदिर में कितने पिलर है?

ये मंदिर 3 मंजिल का होगा। मंदिर का परिसर कुल 57 एकड़ का है, जिसमें से 10 एकड़ में मंदिर बनाया गया है। मंदिर की लंबाई 360 फीट, चौड़ाई 235 फीट, ऊंचाई 161 फीट है। मंदिर में 5 मंडप, 318 खंभे हैं।

राम मंदिर का निर्माण कब और किसने करवाया?

पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण उज्जयिनी के राजा विक्रमादित्य ने कराया था।
 पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, राजा विक्रमादित्य जब आखेट करने आए थे, तो उन्हें उजाड़ भूमि पर कुछ चमत्कार दिखाई दिए। उन्होंने खोजबीन की, तो पता चला कि ये श्रीराम की अवध भूमि है। इसके बाद उन्होंने यहां श्रीराम के भव्य मंदिर का निर्माण कराया।
इतिहासकारों का मानना है कि 1130 और 1150 में गहड़वाल (गहरवार) राजपूत वंश के सम्राट गोविंदचंद्र ने श्री रामजन्मभूमि स्थल पर एक विष्णु मंदिर का निर्माण कराया था।
कहा जाता है कि राजा विक्रमादित्य द्वारा बनवाया गया रामलला का मंदिर 1528 में बाबर के सेनापति मीर बाकी ने ढहाया था। विदेशी आक्रांता बाबर के आदेश पर उसके सेनापति मीरबाकी ने 1528 में मंदिर को ध्वस्त कर दिया था। उसी के मलबे से मंदिर की नींव पर ही मस्जिदनुमा ढांचा बनवाया गया।
राम मंदिर के निर्माण की शुरुआत के लिए भूमिपूजन 5 अगस्त 2020 को किया गया था। वर्तमान में निर्माणाधीन मंदिर की देखरेख श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट द्वारा की जा रही है। मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी 2024 को निर्धारित है।

राम मंदिर ट्रस्ट

राम मंदिर के लिए बने ट्रस्ट का नाम 'श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र' है। इस ट्रस्ट में कुल 15 सदस्य हैं। 5 फ़रवरी, 2020 को लोकसभा में राम मंदिर पर चर्चा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ट्रस्ट के गठन की घोषणा की थी। 
राम मंदिर का निर्माण 5 अगस्त, 2020 को शुरू हुआ था। इस समय मंदिर का निर्माण कार्य चल रहा है और इसकी देखरेख श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट कर रहा है। 22 जनवरी, 2024 को राम मंदिर का उद्घाटन होना है। 
इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल होंगे।

राम मंदिर को कौन सी कंपनी बना रही है?

देश की सबसे बड़ी कंस्ट्रक्शन कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (Larsen and Toubro) राम मंदिर का निर्माण कर रही है। नवंबर 2020 में लार्सन एंड टुब्रो को अयोध्या में राम मंदिर बनाने का प्रोजेक्ट मिला था।
इस निर्माण में भारत के कई तकनीकी संस्थानों के विशेषज्ञों का मार्गदर्शन भी कंपनी को मिल रहा है। टाटा कंस्ट्रक्शन कंपनी को लार्सन एंड टुब्रो के काम को परखने का जिम्मा सौंपा गया था।
राम मंदिर की अनुमानित लागत 1,800 करोड़ रुपये है। यह हाल के वर्षों में भारत की सबसे महंगी धार्मिक परियोजनाओं में से एक है।

अयोध्या राम मंदिर को फंड कौन देता है?

राम मंदिर के लिए दान देने वाले लोग, करदाता, और विश्व हिंदू परिषद हैं। जनवरी-फ़रवरी 2021 में विश्व हिंदू परिषद ने राम मंदिर निर्माण के लिए धन जुटाने का अभियान चलाया था। इस अभियान में 20 लाख से ज़्यादा स्वयंसेवकों ने 12.7 करोड़ परिवारों तक पहुंचकर चंदा इकट्ठा किया था। 
सीएम योगी ने कहा है कि सरकार ने राम मंदिर के लिए कोई पैसा नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि राम भक्तों के सहयोग से ही मंदिर का निर्माण हो रहा है।
करदाता श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ज़रिए राम मंदिर के लिए पैसे दान कर सकते हैं। यह ट्रस्ट अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और प्रबंधन के लिए ज़िम्मेदार है।

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