शास्त्रों के मुताबिक, मंगलवार का दिन भगवान गणेश, भगवान हनुमान, और देवी दुर्गा और काली को समर्पित है। मंगलवार को बजरंगबली का दिन माना जाता है। इस दिन बजरंगबली की पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। मंगलवार की पूजा मंगलवार को हनुमान जी की पूजा करने से विशेष लाभ मिलता है। हनुमान जी को शक्ति, बल, साहस और संकट मोचन का देवता माना जाता है। माना जाता है कि मंगलवार के दिन अगर सच्चे मन और पूरी श्रद्धा के साथ हनुमान जी की पूजा की जाए तो व्यक्ति को हर संकट से मुक्ति मिल जाती है। शास्त्रों के मुताबिक, मंगलवार के दिन देवी पूजा के लिए पंचमेवा, मिष्ठान, फल, लाल रंग के पुष्प और माला, कलावा, दिया, बाती, रोली, सिंदूर, पानी वाला नारियल, अक्षत, लाल कपड़ा, पूजा वाली सुपारी, लौंग, पान के पत्ते, गाय का घी, कलश, आम का पत्ता, कमल गट्टा, समिधा, लाल चंदन, जौ, तिल, सोलह श्रृंगार का सामान आदि रखना चाहिए। मंगलवार को व्रत रखने से कुंडली में मंगल दोष से मुक्ति भी मिल सकती है। मंगलवार के दिन में क्या खास है? मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित है. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक, मंगलवार के दिन ही बजरं
गंगाजी में दूध बहता है - श्री कैंची धाम | Milk flows in Ganga - Shri Kainchi Dham
जय श्री कैंची धाम
प्रिय भक्तों आज हम आपको सन 1960 की एक सत्य घटना सुनाने जा रहे हैं जो की परम पूज्य श्री नीम करौली बाबा( श्री नीब करोरी बाबा जी) के जीवन से जुड़ी हुई है और बाबा के द्वारा किए गए अनेको चमत्कारों में से एक चमत्कार के संबंध में है। माघ मेला चल रहा था और महाराज जी के दर्शनों को लगातार भक्तों का ताता लगा हुआ था। महाराज जी के दर्शनों से जैसे सभी की मनोकामनाएं रही थी।
उसी दौरान महाराज जी ने अपने भक्तों को बताते बताया की गंगा जी में जल नहीं दूध बहता रहता है। महाराज जी के ये अनोखे एवं अद्भुत वाक्य को सुन के सभी भक्त बड़े अचंभित हुवे। सभी भक्त आपस में वार्ता करने लगे की गंगा जी में तो जल प्रवाहित होता है पर महाराज श्री का कहना है कि गंगा में दूध प्रवाहित होता है। इस बात से सभी अचंभित थे।
एक दिन जब महाराज जी कुछ अन्य भक्तों के साथ गंगा जी में नौका विहार कर रहे थे तब कुछ भक्तों ने सोचा कि क्यों ना महाराज जी की बात का परीक्षण किया जाए हालांकि उन्होंने महाराज जी से कुछ नहीं कहा लेकिन नीम करोली बाबा तो अन्तर्यामी थे। उन्हें कुछ बताने की आवश्यकता ही कहा थी। बाबा जी तो बिन बोले ही सबके ह्रदय की गति को जानते थे।तब परम पूज्य महाराज जी ने खुद उनसे कहा कि एक लोटा गंगा जल भर कर उसे ढक कर रख दो।
महाराज जी के आदेश अनुसार उन भक्तों ने उस नौका में बैठे-बैठे एक लोटा जल भर लिया और उसे ढक कर रख दिया। उस ढके हुवे जल को जब गिलास में डाला गया तो वो गंगा जल शुद्ध दूध बन चुका था। इस आलोकिक चमत्कार और बाबा जी की दिव्यता को देखकर एक भक्त के मन में ये विचार आया की कोना मैं भी थोड़ा सा दूध गंगा जी से भर लू और बाद में मेले में आये हुवे अन्य भक्तो को ये चमत्कार दिखाऊंगा लेकिन महाराज जी ने गुस्से में आकर उसके हाथ से दूध का गिलास छीन लिया और गंगा जी में प्रवाहित कर दिया।
जय गुरुदेव
जय श्री कैंची धाम की
जय हो नीम करोली बाबा की
जय हो जय हो जय हो
जय श्री कैंची धाम
प्रिय भक्तों आज हम आपको सन 1960 की एक सत्य घटना सुनाने जा रहे हैं जो की परम पूज्य श्री नीम करौली बाबा( श्री नीब करोरी बाबा जी) के जीवन से जुड़ी हुई है और बाबा के द्वारा किए गए अनेको चमत्कारों में से एक चमत्कार के संबंध में है। माघ मेला चल रहा था और महाराज जी के दर्शनों को लगातार भक्तों का ताता लगा हुआ था। महाराज जी के दर्शनों से जैसे सभी की मनोकामनाएं रही थी।
उसी दौरान महाराज जी ने अपने भक्तों को बताते बताया की गंगा जी में जल नहीं दूध बहता रहता है। महाराज जी के ये अनोखे एवं अद्भुत वाक्य को सुन के सभी भक्त बड़े अचंभित हुवे। सभी भक्त आपस में वार्ता करने लगे की गंगा जी में तो जल प्रवाहित होता है पर महाराज श्री का कहना है कि गंगा में दूध प्रवाहित होता है। इस बात से सभी अचंभित थे।
एक दिन जब महाराज जी कुछ अन्य भक्तों के साथ गंगा जी में नौका विहार कर रहे थे तब कुछ भक्तों ने सोचा कि क्यों ना महाराज जी की बात का परीक्षण किया जाए हालांकि उन्होंने महाराज जी से कुछ नहीं कहा लेकिन नीम करोली बाबा तो अन्तर्यामी थे। उन्हें कुछ बताने की आवश्यकता ही कहा थी। बाबा जी तो बिन बोले ही सबके ह्रदय की गति को जानते थे।तब परम पूज्य महाराज जी ने खुद उनसे कहा कि एक लोटा गंगा जल भर कर उसे ढक कर रख दो।
महाराज जी के आदेश अनुसार उन भक्तों ने उस नौका में बैठे-बैठे एक लोटा जल भर लिया और उसे ढक कर रख दिया। उस ढके हुवे जल को जब गिलास में डाला गया तो वो गंगा जल शुद्ध दूध बन चुका था। इस आलोकिक चमत्कार और बाबा जी की दिव्यता को देखकर एक भक्त के मन में ये विचार आया की कोना मैं भी थोड़ा सा दूध गंगा जी से भर लू और बाद में मेले में आये हुवे अन्य भक्तो को ये चमत्कार दिखाऊंगा लेकिन महाराज जी ने गुस्से में आकर उसके हाथ से दूध का गिलास छीन लिया और गंगा जी में प्रवाहित कर दिया।
जय गुरुदेव
जय श्री कैंची धाम की
जय हो नीम करोली बाबा की
जय हो जय हो जय हो
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