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Neem Karoli Baba ka Farman - Shri Kainchi Dham

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नीम करोली बाबा का फरमान   - श्री कैंची धाम  यू तो नीम करोली बाबा के चमत्कारों के अनेकों किस्से प्रचलित है और विश्व विख्यात है फिर चाहे एप्पल कम्पनी को जन्म देने की बात हो या फेसबुक कम्पनी को डूबने से बचाने का किस्सा हो। आज हम एक और सत्य घटना आप सबके सामने लेकर आए है जिसमें नीम करोली बाबा ने अपने एक प्रशासनिक भक्त का कल्याण किया।ये बात उस समय की  है जब श्री नीम करोली बाबा ने एक पुलिस सब इंस्पेक्टर को पुलिस कप्तान बनने का लिखित फरमान जारी कर दिया था।  पुलिस सब इंस्पेक्टर राम नारायण सिन्हा धीरे धीरे बाबा नीम करोली   के भक्त हो चले थे। एक बार जब वह  बाबाजी से मिलने गये तो बाबाजी ने उनसे कागज व  पेन ले आने को कहा।  कागज पेन लेकर महाराज जी   ने उस पर राम राम लिखना प्रारम्भ कर दिया, जब पूरा कागज भर गया तो अन्त में बाबाजी ने लिख दिया कि तू पुलिस कप्तान बनेगा तथा अपना अंगूठा लगाकर नीचे लिख दिया बाबा नीम करोली साथ ही यह कागज श्री सिन्हा के हाथ में थमा दिया। अंग्रेजी शासनकाल में कैसे एक हिंदुस्तानी दरोगा आई.पी.एस. अफसर बन ज...

नीम करोली बाबा गायब हो गए - श्री कैंची धाम

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नीम करोली बाबा गायब हो गए - श्री कैंची धाम । Neem karoli baba gayab ho gaye - Shri Kainchi Dham एक बार कांग्रेस के कुछ पचास साठ कार्यकर्ता महाराज जी के दर्शन के लिए आ रहे थे । उस वक्त महाराज जी हनुमानगढ़ में थे। महाराज जी ने दूर से देख लिया कि वे लोग आश्रम की तरफ आ रहे हैं। उन्होंने एक भारतीय संन्यासी रामदास को साथ लिया और पहाड़ी से नीचे उतरकर एक देवी मंदिर में चले गये। इधर पार्टी के लोग जब आश्रम में पहुंचे तो उन्होंने महाराज जी के बारे में पता किया। वहां लोगों ने बता दिया कि वे पहाड़ी से नीचे की तरफ गये हैं।वे  लोग नीचे उतरकर उसी मंदिर के पास पहुंच गये जहां महाराज जी रामदास के साथ मंदिर के बाहर ही बैठे हुए थे।वे लोग साठ फीट दूर खड़े होकर मंदिर के चारों तरफ देखने लगे लेकिन उन लोगों को न महाराज जी दिखाई दिये और न ही रामदास। उन्हीं के सामने खड़े होकर वे लोग नीम करौली बाबा के बारे में आपस में पूछताछ कर रहे थे लेकिन महाराज जी उनको दिखाई नहीं दे रहे थे अर्थात नीम करोली बाबा गायब हो गए परन्तु केवल उनलोगो की दृस्टि में।  तभी रामदास को बड़ी जोर की खांसी आने को हुई. वे ह...

श्रद्धा और विश्वास - श्री कैंची धाम

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        श्रद्धा और विश्वास - श्री कैंची धाम   श्रद्धा और विश्वास का केंद्र है श्री कैंची धाम । सन  1974 में स्टीव जोब्स श्री ब्रह्मचारी बाबा जी के साथ श्री कैंची धाम आश्रम मे जो की  नैनीताल से 38 किमी दूर भवाली के रास्ते में पड़ता है आ पहुंचे । बाबा नीम करोली ने इस स्थान पर सन 1964 में आश्रम बनाया था। इन्‍हीं बाबा नीब करौरी को हनुमान जी का धरती पर दूसरा रूप कहा जाता है। वैसे बाबा का असली नाम श्री लक्ष्मी नारायण शर्मा था। महाराज जी द्वारा स्थापित ये आश्रम अपनी स्‍थापना के बाद से अब तक भव्य मंदिर का रूप ले चूका है जहाँ  मां दुर्गा, वैष्णो देवी, हनुमान जी और राधा कृष्ण की मूर्तियां विराजमान हैं। मंदिर में आज भी बाबा की निजी वस्तुएं, गद्दी, कंबल, छड़ी आज भी वैसे ही सुरक्षित हैं जैसी उनके जीवन में थीं। पर्यटकों के लिए आज वही मुख्य दर्शन का केंद्र हैं। Image Subject To Be Copyright दिव्य शक्तियों के स्वामी माने जाते हैं कहते हैं कि इस मंदिर के संस्‍थापक बाबा दिव्य शक्तियों के स्वामी थे, पर वे आडंबरों से दूर रहते थे। उ...

नीम करोली बाबा का प्रसाद - श्री कैंची धाम

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नीम करोली बाबा का प्रसाद - श्री कैंची धाम नीम करोली बाबा कहो या नीब करोरी बाबा हर शब्द में केवल एक ही अर्थ निकलता है कि बाबा हम आपके है और आप हमारे है । अपने हर भक्त और उसके परिवार के पालन पोषण का बाबा सदैव ध्यान रखते है । एक बार की विचित्र घटना है लखनऊ में महाराजजी ने नगर निगम के कुछ अधिकारियों को साथ लिया और सबसे गरीब मुहल्ले की तरफ सड़क नाली पानी की हालत देखने पहुंच गये। वहां पहुंचकर उन्होंने एक मुसलमान को अपने पास बुलाया और बोले- मुझे भूख लगी है। मुसलमान ने कहा, लेकिन महाराजजी मेरे पास खिलाने के लिए कुछ भी नहीं है। महाराजजी ने कहा, "तूने घर के छप्पर में दो रोटी नहीं छिपा रखी है दुष्ट?"उसे बहुत आश्चर्य हुआ कि महाराजजी को कैसे पता चला? वह छप्पर में से दो रोटी निकाल लाया। एक रोटी महाराजजी ने खाई और दूसरी रोटी अधिकारियों को दे दी जिसमें हिन्दू ब्राह्मण भी थे। महाराजजी ने कहा, " प्रसाद लो ।" (रामदास, मिराकल आफ लव, दूसरा संस्करण, 1995, पेज- 43-45) इस प्रकार नीम करोली बाबा ने अपने भक्तो में प्रसाद का वितरण किया और सबकी मनोकामनाएं पूर्ण की । जय श्री कैंची धा...

नीम करोली बाबा द्वारा प्राण रक्षा -श्री कैंची धाम

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नीम करोली बाबा द्वारा प्राण रक्षा -श्री कैंची धाम  !! एक विचित्र अनुभव घटना 4 नवम्बर 1971 की है। नीम करोली बाबा की एक अमेरिकी भक्त महिला जिसे वे राधा कहा कहते थे, वृन्दावन में आनन्दमयी माँ के आश्रम से अपनी अमेरिकी सहेली अन्जनी (भारतीय नाम) के साथ एक रिक्शा में आ रही थी। रिक्शा का चालक बहुत तेजी से रिक्शा भगा रहा था। राधा जी ने एकाएक भयवश अपनी आँखें बन्द कर ली थी। तुरंत उन बन्द आँखों से उनको महाराज जी के मुख का दर्शन हुआ। ऐसा अनुभव इससे पूर्व उनको कभी नहीं हुआ था । राधा जी कहती हैं कि इस दर्शन में महाराज मुझसे कह रहे थे, "दुर्घटना होने जा रही है, कूद पड़।" मैंने तुरंत उनकी आज्ञा का पालन किया। मैंने जानते बूझते यह कार्य किया - बड़ी शान्ति और बिना किसी अन्तर्द्वन्द्व के। इस कार्य में न मुझे कुछ भय था और न मेरे दिल की कोई धड़कन ही रुकी। यह सब इतनी जल्दी हुआ कि मैं अन्जनी से कुछ कह भी नहीं पायी। मेरे कूदने का कोई कारण प्रत्यक्ष न था, कोई भी दर्शक मुझे पागल कह सकता। उसी क्षण वहाँ चौराहे में एक दूसरा रिक्शा हमारे रिक्शा से टकरा गया। अन्जनी को थोड़ी चोट आयी। वह मेरे उपचार से ही स्...

भुवन चंद की भूख - श्री कैंची धाम | Bhuvan Chand's hunger - Shri Kainchi Dham

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भुवन चंद की भूख  - श्री कैंची धाम | Bhuvan Chand's hunger - Shri Kainchi Dham भुवन चंद की भूख- जिस प्रकार माता-पिता अपने बच्चो को कभी भूखा नहीं देख सकते ठीक उसी प्रकार का स्वभाव गुरुदेव का भी होता है। श्री नीम करोली बाबा भी कुछ अद्भुत संत ही थे। उनकी हर लीला अपने आप में एक उपदेषात्मक लीला होती थी। अपने भक्तो पर बाबा उसी प्रकार कृपा करते थे जैसे माता-पिता अपने बच्चो पर करते है। कोई बाबा को श्री हनुमान जी का परम भक्त बोलता था तो कोई स्वयं हनुमान जी का अवतार।आज हम आपको श्री भुवन चंद तिवारी जी के जीवन की वो सत्य घटना सुनाने जा रहे है जब वे रोडवेज स्टेशन भवाली में लिपिक थे। उसी समय की घटना है जब भुवन चंद जी को एक दिन किसी दुसरे कर्मचारी की अनुपस्तिथि में काम करने के लिए ब्रिवरी स्टेशन भेजा गया। भुवन चंद   उस दिन घर से बिना खाए ही काम पर निकल गए थे  और वहाँ अवकाश न मिल पाने के कारण भूखे ही काम करते रहे। महाराज जी तब भूमियाधार में थे। वह अपने भक्तों को भूखा ना देख सके। तिवारी जी बताते हैं कि बाबा ने दिन के एक बजे एक बड़ी टोकरी में पूड़ी...

बाबा आप कौन है ? -श्री कैंची धाम | Baba, who are you? - Shri Kainchi Dham

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बाबा आप कौन है ? -श्री कैंची धाम | Baba, who are you? - Shri Kainchi Dham श्रीमति रमा जोशी पूज्य श्री नीम करोली बाबा जी की अनन्य भक्त थी और बाबा को बहुत मानती थी। उन्होंने अपने जीवन से जुडी अद्भुत कथा को  कहा की बाबा के रूप को वो कभी समझ नहीं पाती थी और बाबा से एक दिन बोली की ," आप बताते क्यूँ नही कि बाबा आप कौन है ? आपकी ये उल्टी सीधी लीलाये क्या है और किसलिये है ?  उन्होंने कई बाबा के भक्तों से पूछा मगर कोई संतोषप्रद उतर न मिला । तब बाबा बोले ,कोई नहीं समझा सकता तूझे । समय आने पर मैं ही समझाँऊगा । एक दिन मैंने उनसे कहा , कि बाबा मेरी तो कागभूशूडि सी गति हो गई है । वे बोले," वो तो होगी ही ।" फिर नीम करोली बाबा  बोले," अपने जन के कारणा , श्री कृष्ण बने रघूनाथ ।"" Image Subject To Copyright एक दिन मूझे ग़ुस्सा आया और मैं बोली , आपके पास आना निरर्थक है । आप सत्य नहीं बताते ।" आप धोखा देते है  । " तब बाबा बोले," तेरी सौं मैं सब कूछ बता दूँगा । तेरे विचार ख़राब हो गये है मेरे लिये । तू मुझे बाल रूप में क्यों नहीं देखती । मैं कूछ सोचूँ उस...